सुनी गोद को भरने और बिछड़े को मिलाने के लिए प्रसिद्ध है ग्राम देवादा का मंगलू देवता, नवरात्र पर हर साल सैंकड़ों भक्त जलाते है जोत, मंगलू देवता की महिमा है अपरंपार, पढ़िए पूरी खबर

बलराम यादव
पाटन। नवरात्र के दिनों में देवी मंदिरों में भीड़, जोत ज्वारा स्थापना सहित भक्तो के द्वारा सेवा कार्य की जानकारी आप सबको है। आज हम आपको बताएंगे एक ऐसा देवता की जिसके  दर पर कुंवार और चैत्र दोनो नवरात्र में सैकड़ों भक्त आस्था के जोत जलाते है। वही दिन भर मंगलू देवता की पूजा अर्चना करते भक्त जस गीत का गायन भी करते है। भारत का यह पहला देवता है जिसके मंदिर में जोत जलाया जाता है।  छग के दुर्ग जिला मुख्यालय से पाटन रोड पर स्थित है ग्राम देवादा जहां पर गांव से दूर खेतो के बीच विराजमान है मंगलू देवता। ग्रामीण बताते है के वैसे तो साल भर यहां पर भक्तो का आना जाना लगा रहता है। लेकिन कुंवार नवरात्र और चैत्र नवरात्र के समय यहां पर सुबह से देर रात तक भीड़ रहती है। इस वर्ष भी यहां पर नवरात्र में आकर्षक सजावट की गई है।( आगे की खबर नीचे पढ़े)

बिछड़ो का सहारा है मगलू देवता
ग्रामीण बताते है की यहां पर जितने भी लोग आते है वो या तो मन्नत मांगने आते है या फिर वे मन्नत पूरी होने पर पूजा अर्चना करने पहुंचते है। ग्रामीण बताते है की जिसका भी कोई समाना गुम जाए, कोई व्यक्ति गुम जाए, या फिर कोई जानवर गुम जाए तो मंगलू देवता के मंदिर में आकर जोड़ा नारियल चढ़ाकर मन्नत मांगने से वह पूरी होती है। ग्राम देवादा के राजेंद्र वर्मा ने बताया की एक बार एक व्यक्ति का सोने का जवाहरात गुम गया था। उसके द्वारा मंगलू देवता में पूजा अर्चना कर जोड़ा नारियल चढ़ाकर मन्नत मांगें। उसके करीब एक सप्ताह बाद उसका जवाहरात मिल गया। जिसके बाद से वो फिर से मंगलू देवता के दर पर आए और पूजा अर्चना कराया। इसी तरह के कई उदाहरण है जो की मन्नत मांगने के बाद पूरा हुआ है। आसपास के को किसान का मवेशी गुम हो जाता है तो वो किसान पुलिस को सूचना देने से पहले मंगलू देवता को सूचना देते है। पूजा अर्चना कर मन्नत मांगते है। इसके अलावा कई गुम इंसान होता है तो उसके परिजन भी मंगलू देवता में मन्नत मांगते है।

(आगे की खबर नीचे पढ़े)

सुनी गोद भरते है मंगलू देवता
ग्रामीण बताते है मंगलू देवता की महिमा अपार है। जिस किसी भी स्त्री का गोद सुना है उसकी गोद भी भरते है।  जिस महिलाओं को पुत्र पुत्री रत्न की प्राप्ति नही होती  वह भी मंगलू देवता में पूजा अर्चना कर मन्नत मांगती है। संतान प्राप्ति के लिए पूजा अर्चना करती है उनकी भी मुरादे पूरी होती है।

चैत्र नवरात्र में 346 ज्योति  कलश प्रज्वलित
मंगलू देवता समिति के राजेंद्र वर्मा ने बताया की मंगलू देवता में हर वर्ष मनोकामना ज्योति कलश प्रज्वलित करने वाले भक्तो की संख्या बढ़ती ही जा रही है। इस वर्ष चैत्र नवरात्र में 346 ज्योति कलश प्रज्वलित की गई है। जो भक्त ज्योति कलश जलवाए है वो तो  मंगलू देवता से आशीर्वाद लेने आते ही है। वही गांव सहित आसपास के ग्रामीण बड़ी संख्या में मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं।