पाटन। दुर्ग से पाटन राज्य मार्ग पर बीते दो-तीन माह में सड़क दुर्घटना में 1 दर्जन से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। यह सब सिर्फ सड़क दुर्घटना में ही हुई है। दुर्ग से पाटन तक फोरलेन बनने के बाद जहां वाहनों की रफ्तार काफी बड़ी है वही फोरलेन के नियमों से अनजान बाइक व बड़े वाहन के चालक के लापरवाही पूर्वक गाड़ी चलाने के कारण हुई दुर्घटना में इजाफा हुई है। सड़क दुर्घटना पर लगाम कसने के लिए जिला प्रशासन ने अब तैयारी शुरू कर दी है।

दुर्ग से पाटन तक फोरलेन के डिवाइडर में कई जगह पर मिडिल कट बनाए गए हैं। ज्यादातर सड़क दुर्घटना का कारण तेज रफ्तार वाहन और मिडिल कट ही सामने आया है। वही कहीं-कहीं पर शराब सेवन कर वाहन चलाने के कारण भी कई सड़क दुर्घटनाएं हुई है। आज कलेक्टर दुर्ग एवं एसपी दुर्ग के निर्देश पर लोक निर्माण विभाग के अनुविभागीय विभागीय अधिकारी आर के शुक्ला वहीं पुलिस विभाग के अनुविभागीय अधिकारी देवांश सिंह राठौर ने अपनी टीम के साथ संयुक्त रूप से दौरा कर दुर्घटना जन्य क्षेत्र का जायजा लिया।

जिन जिन स्थानों पर सड़क दुर्घटना हुई है या फिर जिन स्थानों पर सड़क दुर्घटना के कारण मौत हुई है वहां पर आज जाकर के वस्तुस्थिति का जायजा लिया। सड़क दुर्घटना के कारणों पर भी चर्चा किया गया ।इसके अलावा फोरलेन पर जो मिडिल कट की आवश्यकता नहीं है उसको बंद करने का भी निर्णय लिया जा रहा है ।अधिकारियों के द्वारा आज जो संयुक्त रूप से दौरा हुई उसकी पालन प्रतिवेदन वरिष्ठ अधिकारी को सौंपी जाएगी जिसके बाद आवश्यकता नहीं है उस मिलकर को बंद कर दिया जाएगा। साथ ही साथ फोरलेन में संकेतक बोर्ड के साथ कई जगह स्पीड ब्रेकर बनाने के लिए भी मांग क्षेत्र के लोग कर रहे हैं जिस पर भी अधिकारियों के द्वारा विचार किया जा रहा है । आज सड़क निरीक्षण के दौरान दुर्घटना जन्य क्षेत्र को चिन्हित भी किया गया जिसमें सुधार भी लाया जाने की गुंजाइश बताई जा रही है। वही चौक पर या फिर जहां पर भी मिडिल कट आवश्यक हो वहां पर पीली बत्ती का संकेतक एवं रोड क्रॉसिंग का संकेतक बनाने के लिए भी बात कही जा रही है ।सड़क दुर्घटना को रोकने के लिए प्रशासन के इस पहल की लोगों ने सराहना भी की है।।