अंडा। दुर्ग ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र से अंडा, चिंगरी,कुथरेल, अछोटी, चंदखुरी, कोलिहापुरी, अंजोरा, रसमड़ा, बोरई गानयारी, जंजगिरी , भानपुरी,खप्परवाडा गुरेदा देवगहन ओडारसकरी मटिया ओटेबंद सिरसिदा परसदा विनायकपुर आमटी मासाभाट निकुम खाड़ा रूदा भोथली तिरगा झोला अन्य क्षेत्रों में बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। बरगद के पेड़ की पूजा-अर्चना कर सुहागन माताओं एवं बहनों ने पति की दीर्घायु की कामना के लिए वटसावित्री का व्रत रखा। सोमवती अमावस्या की तिथि पर यह व्रत मनाया जाता है। जेट माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि पर यह व्रत महिलाओं ने रखा। इसका उद्देश्य अपने सुहाग की रक्षा छत्तीसगढ़ में पूजन परंपरा के अनुसार चुड़ी, फल तथा रक्षासूत्र वृक्ष को बांधा जाता है। सुहागन महिलाएं आज श्रृंगार कर पूजा पाठ करने पहुंची। इस अवसर पर अनेक स्थानों पर भारी भीड़ देखी गई। घर में भी लोगों ने बरगद का पौधा रखकर पूजा-अर्चना की है।
बरगद एक पेड़ होता है। नका इस व्रत में बहुत महत्व है। कथा के अनुसार इसी पेड़ के नीचे सावित्री ने अपने पति को यमराज से वापस पाया था। सावित्री को देवी का रूप माना जाता है। पुराणों में बरगद के पेड़ में ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास बताया जाता है। मान्यता के अनुसार ब्रह्मा वृक्ष की जड़ में, विष्णु इसके तने में और शिव उपरी हिस्सा में रहते है। यही वजह है कि यह माना जाता है कि इस पेड़ के नीचे बैठकर पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है।

- May 26, 2025
ग्रामीण अंचल में सुहागन महिलाओं ने अखण्ड सौभाग्यवती के लिए रखा वट सावित्री व्रत
- by Ruchi Verma