केशव साहू,9302435161
डोंगरगढ़-(छत्तीसगढ़ )केसीसी लोन के मामले में बर्खास्त सोसायटी प्रबंधक कुलदीप विश्वकर्मा की पत्नी ने प्रेस क्लब डोंगरगढ़ के कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस कर शासन प्रशासन से अनुरोध कि,है और प्रशाशन से न्याय की गुहार लगाई पत्नी शान्ति विश्वकर्मा ने
प्रबंध करणी कमेटी जिसके अध्यक्ष दशरथ ठाकुर, उपाध्यक्ष मदन द्वारा योजनाबद्ध ढंग से षड़यंत्र रचकर इनकी सिधाई का फायदा उठाते हुये कार्यवाही पंजी में प्रस्ताव पास किया गया है। केशबुक रसीद एवं समस्त लिखा पढ़ी चिट्ठा लिखने वालें
रामदयाल एवं कुनाल इनके पास मात्र लोन एप्लीकेशल एवं कृषको को जारी करने वाला चेक दिया गया था यह कार्य दो-तीन वर्षों से उन्ही के द्वारा किया जा रहा है।मेरे पति द्वारा किसानो को लिमिट के तहत उदाहरण के तौर पर 2,00,000/-
(दो लाख रू.) लिमिट के आधार पर चेक दिया गया और इन्होने व्यक्तिगत नाम से देदिया गया।
किसान द्वारा बैंक में जाकर राशि आहरण किया गया। किसानो द्वारा बैंक से
राशि आहरण किया गया। प्रश्न यह उठता है कि चेक 2,00,000/- (दो लाख रू.) काआहरण किया गया। केस बुक में उदाहरण के तौर पर बीस हजार रू. या पचास हजार
रू. लिखा गया। चिट्ठा में भी इतना ही लिखा गया है। यदि इनके द्वारा कैस बुक मेंचिट्ठा में लिखा जाता तो 2,00,000/- (दो लाख रू.) लिखा जाता तो कोई भी समितिप्रबंधक 2,00,000/- (दो लाख रू.) ही लिखता। लेकिन यहां पर कम राशि लिखी गईबैंक के डी. एम. आर. एवं ब्याज अनुपात 2,00,000/- (दो लाख रू.) दिख रहा है और
सोसायटी के खाते में कम दिख रहा है। इससे स्पष्ट है कि किसान जो शिकायत करनेआये थे। प्रबंध कारणी कमेटी संस्था में कैस बुक लिखने वाले कर्मचारी एवं बैंक के
कर्मचारी 100 प्रतिशत मिली भगत करके फर्जी वाड़ा कार्य किया गया। इसमे कोई संदेहनही है। किसान 2,00,000/- (दो लाख रू.) निकाला है। प्रबंध कारणी कमेटी के
अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष संस्था के कर्मचारी की मिली भगत हो सकती है। 2 से 3 साल केकैसबुक, वर्तमान कैसे बुक, चिट्ठा का जांच किया जाये। आपको स्पष्ट समझ मे अ
जायेगा के कुलदीप विश्वकर्मा के द्वारा कैसबुक नही लिखा गया है। मेरे पति के सिंधाका फायदा उठाते हुये 11 दिसंबर 2021 को धान खरीदी के प्रभार से यह प्रबद्ध कारण
कमेटी द्वारा षड़यंत्र रचकर कलेक्टर के वीडियो कान्फ्रेंस से इनको हटाया गया थाकार्यवाही पंजी में दर्ज है। इसके बाद कुनाल द्वारा धान खरीदी किया गया । धान कीकमी एवं सुखद आने पर इनको डराया एवं धमकाया गया और इनके द्वारा पैसा वूसल
किया गया। पुलिस से भी डराया, धमकाया गया। इस तरह का अन्याय किया गया इसवर्ष भी धान खरीदी से इनको पृथक रखा गया। जब इनके द्वारा पिछले वर्ष धान की
खरीदी नही की गई थी तो इस वर्ष भी धान खरीदी से कैसे हटाया गया तथा धानखरीदी संघ द्वारा हड़ताल में जाने पर उनके द्वारा समिति का प्रभार लिखकर देने केबाद जब हड़ताल वापस हुये तो इनको प्रभार वापस देना चाहिये था लेकिन ऐसा नहीकिया गया फिर भी षड़यंत्र पूर्वक इन्हे प्रभार आज तक वापस नही दिया गया। आजदिनांक 13/04/2023 षड़यंत्र पूर्वक भूतपूर्व प्रबंध कारणी कमेटी के मिलीभगत सेकिसानो द्वारा थाने में रिपोर्ट कर एफ. आई. किया गया। मेरे पति का कैसबुक मे कही
हस्ताक्षर नही है। मै आप सभी से यह निवेदन करती हूं कि बैंक कर्मचारी, सोसायटीकर्मचरी, सहकारिता विभाग सभी की जांच की जावे एवं मेरे पति द्वारा भी जांच के संबंध
में पूर्व में आवेदन प्रेषित किया गया है जिसके संबंध में कोई भी जांच आज दिनांक तकनही किया गया है। मेरे पति प्रबंधक थे उनका कार्य के. सी. सी. के संबंध में किसानो
को केवल चेक देना था बाकी किसान चेक लेकर बैंक से अपनी राशि आवश्यकताअनुसार निकालते थे। बिना जांच किये मेरे पति को अपराधी कैसे बताया गया। इस
संबंध में भी माननीय महोदय से निवेदन है कि समुचित जांच किया जावे।


