राजकुमार सिंह ठाकुर
पंडरिया । ओबीसी महासभा पंडरिया द्वारा सोमवार को एसडीएम पंडरिया डीआर डाहिरे के माध्यम से राज्यपाल छत्तीसगढ़ शासन रायपुर,राष्ट्रपति एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग भारत सरकार नई दिल्ली के नाम ज्ञापन दिया गया। राज्यपाल के नाम सौंपे गए ज्ञापन में ओबीसी समुदाय को आबादी के अनुरूप समानुपातिक संवैधानिक प्रतिनिधित्व आरक्षण प्रदान करने बाबत है। देश के संघीय संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार सामाजिक एवं शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े हुए समुदाय को अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के रूप में 3 वर्ग में वर्गीकृत किया गया है। सामाजिक एवं शैक्षणिक स्थिति के आधार पर अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति को समानता के अवसर उपलब्ध कराते हुए समुचित विकास एवं उत्थान की व्यवस्था किया गया है, तदनुसार छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 2 दिसंबर 2022 को छत्तीसगढ़ विधानसभा में अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति एवं सामान्य वर्ग ईडब्ल्यूएस को जनसंख्या के अनुपात में प्रतिनिधित्व आरक्षण प्रदान करने हेतु विधेयक पारित किया गया।लेकिन 1931 के राष्ट्रीय जनगणना के अनुसार ओबीसी 52% तथा हाल ही में क्वांटिफाइबल डाटा से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर ओबीसी की आबादी लगभग 42% होने के बावजूद राज्य स्तर के पदों पर 27% का प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त संभाग एवं जिला स्तर के पदों में अधिकतम 27 पद का प्रावधान किया गया है, जबकि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं सामान्य वर्ग ईडब्ल्यूएस को जनसंख्या के आधार पर प्रतिनिधित्व देने का प्रावधान किया गया है।बताया गया है कि अधिकांश संभाग जिलों में ओबीसी की जनसंख्या 27% से अधिक होने के बावजूद भी उन्हें जनसंख्या के अनुपात में न देकर अधिकतम 27% प्रतिनिधित्व का सीमित प्रावधान किया गया है, जो कि प्रदेश के अर्थव्यवस्था में रीड की हड्डी बहुसंख्यक ओबीसी समुदाय के साथ घोर अन्याय एवं असंवैधानिक है।जबकि तमिलनाडु, कर्नाटक एवं केरल जैसे राज्यों में ओबीसी को जनसंख्या के अनुपात में क्रमशः 50 ,49 और 40% प्रतिनिधित्व आरक्षण लागू है ।अतः इन राज्यों की भांति 42% प्रतिनिधित्व आरक्षण लागू किए जाने का निवेदन किया गया है।वहीं राष्ट्रपति एवं माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष पिछड़ा वर्ग आयोग भारत सरकार को सौंपे गए ज्ञापन में मांग किया गया है कि जनगणना फॉर्मेट में ओबीसी का कालम जोड़कर ओबीसी की जनगणना कराए जाये।संविधान में सामाजिक तथा शैक्षणिक दृष्टि से पिछड़े हुए समुदायों को अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़े वर्ग के रूप में 3 वर्ग बनाए गए है। जनगणना में इन तीनों वर्ग की दशाओं के आंकड़े एकत्रित किए जाने चाहिए।अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग की जनगणना तो होती है किंतु राष्ट्रीय जनगणना फॉर्मेट में अन्य पिछड़ा वर्ग का पृथक से कालम नहीं होने के कारण अन्य पिछड़ा वर्ग की जनगणना नहीं होती है।संविधान के अनुच्छेद 340 के परिपालन में अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए गठित आयोग काका कालेलकर आयोग , मंडल आयोग व मध्यप्रदेश राम जी महाजन आयोग द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग की जनगणना कराए जाने बाबत अनुशंसा की गई है। जिसके अनुसार इस हेतु संसद में बनी सहमति के आधार पर जनगणना 2011 में पृथक से अन्य पिछड़ा वर्ग के आंकड़े एकत्रित करने के प्रयास किए गए ,किंतु आंकड़े जारी नहीं किए गए हैं। ओबीसी महासभा द्वारा लंबे समय से प्रतिमाह ज्ञापन देकर राष्ट्रीय जनगणना 2021 के जनगणना फॉर्मेट में ओबीसी का कॉलम बनवाने शासन प्रशासन से निवेदन किया जाता रहा है ,लेकिन पूर्व की भांति इस बार भी राष्ट्रीय जनगणना फॉर्मेट में अन्य पिछड़ा वर्ग ओबीसी का कालम नहीं है। फलस्वरूप ओबीसी वर्ग की जनसंख्या तथा उसकी परिस्थितियों का आकलन नहीं हो पाएगा।ओबीसी महासभा के द्वारा निवेदन किया गया है कि जनगणना 2021 के फॉर्मेट में कॉलम 13 में ओबीसी के लिए पृथक से कोड नंबर 3 और सामान्य के लिए कोड नंबर 4 शामिल कर जनगणना की जाए एवं गणना उपरांत आंकड़े प्रकाशित किया जाए। जिससे ओबीसी समाज भारत देश के नागरिक मतदाता होने के नाते जनसंख्या के अनुपात में हिस्सेदारी प्राप्त कर सके। ज्ञापन देने हेतु घनश्याम साहू, जल्लू साहू जिला पंचायत सभापति प्रतिनिधि, रवि चंद्रवंशी जनपद सदस्य प्रतिनिधि, ओबीसी महासभा कर्मचारी प्रकोष्ठ से जिलाध्यक्ष ओबीसी नवल किशोर , जिला उपाध्यक्ष गोपाल चंद्राकर, मुकेश बघेल , संजीव साहू ,ब्लाक अध्यक्ष पंडरिया अजय चन्द्राकर ,ब्लाक उपाध्यक्ष विनोद जायसवाल ,युवा जिलाध्यक्ष मुंगेली अभिलाष जायसवाल ,संदीप साहू, सुदर्शन साहू , हरि साहू , लेखराज चंद्राकर,योगेंद्र साहू ,लखन साहू, लक्ष्मीनारायण साहू ,रत्नेश विश्वकर्मा, कमलेश कश्यप ,योगेश सोनी ,मनोज जायसवाल , मोहन जायसवाल ,राजा जायसवाल, लवकुमार पटेल, राजू यादव, प्रकाश जायसवाल, चंद्रेश साहू, ,कमलेश कश्यप, अश्वनी चन्द्रवँशी ,नवधेश साहू, गोकुल चन्द्राकर ,दुर्गेश साहू, प्रदीप साहू , मनोज साहू, लोकेश चंदाकर, राजकुमार साहू, पुष्पेन्द्र चंद्राकर, मोती लाल साहू, डॉ तुलाराम साहू, दिलीप चंद्रवंशी, स्वरूपानन्द साहू, दीपक चंद्राकर, रामधन चंद्राकर, जितेन्द्र चंद्राकर आदि ओबीसी समाज के व्यक्ति शामिल हुए।
