कृषि स्नातक उपाधि धारक छात्रों एवं कर्मचारियों के सम्मान में सौंपा ज्ञापन


पाटन। कृषि के क्षेत्र में शासकीय, अर्ध शासकीय एवं गैर शासकीय संस्थाओं के अधीनस्थ कार्य कर रहे हैं कृषि और संबद्ध विषयों के स्नातक उपाधि धारक एवं छात्र हित में कृषि एवं सम्बध्द विषयों के पाठयक्रम को व्यवसायिक पाठ्यक्रम घोषित करने हेतु छत्तीसगढ़ के कृषि विभाग के सबसे बड़े कर्मचारी संघठन के प्रदेश अध्यक्ष लिखेश कुमार वर्मा के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के दोनों कृषि एवं उद्यानिकी विश्वविद्यालय में ज्ञापन सौंपा गया।

छत्तीसगढ़ की बड़ी जनसंख्या कृषि एवं संबंधित उद्यम जैसे उद्यानिकी, वानिकी, पशुपालन, रेशम पालन, मधुमक्खी पालन, मत्स्य पालन, खाद्य प्रसंस्करण इत्यादि पर आधारित है, साथ ही छत्तीसगढ़ को धान का कटोरा भी कहा जाता है परन्तु छत्तीसगढ़ में अभी तक कृषि एवं संबद्ध विषयों को व्यावसायिक पाठ्यक्रम घोषित नहीं किया गया हैं जबकि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद नई दिल्ली द्वारा कृषि एवं संबद्ध विषयों को व्यावसायिक पाठ्यक्रम के रूप में वर्ष 2016 में मान्यता दी हैं एवं भारत सरकार द्वारा वर्ष 1986, 2017 और 2018 में लगातार भारत के सभी कृषि विश्वविद्यालयों को एवं सभी राज्यों के प्रमुख सचिव कृषि, कृषि उत्पादन आयुक्त, संचालक कृषि, संचालक उद्यानिकी, संचालक समेती को इस हेतु आवश्यक कार्रवाई करने को निर्देशित किया गया था।

छत्तीसगढ़ कृषि स्नातक शासकीय कृषि अधिकारी संघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष  लिखेश कुमार वर्मा , प्रांतीय महामंत्री  मोहित जैन, प्रांतीय सचिव राजू दास , विश्वविद्यालय के पीएचडी के छात्र  किशन कुमार राज, दीपपाल जांगडे , घनश्याम आदि के प्रतिनिधि मंडल ने कृषि एवं संबद्ध विषय के स्नातक उपाधि को व्यवसायिक पाठ्यक्रम ( प्रोफेशनल डिग्री) घोषित करने हेतु छत्तीसगढ़ में स्थित कृषि संबंधी दोनों विश्वविद्यालयों के माननीय कुलपति  गिरीश चंदेल, इंदिरा गाँधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर एवं मान.  आर. एल. खरे , कुलसचिव, महात्मा गाँधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, सांकरा, दुर्ग को दिनांक 19 नवंबर को ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन सौंपते हुए विस्तृत चर्चा में प्रतिनिधि मंडल ने विश्वविद्यालय को अवगत कराया की भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली एवं भारत शासन के घोषित करने के बाद भी अभी तक छत्तीसगढ़ में कृषि विश्वविद्यालय द्वारा कृषि एवं सम्बध्द विषयो को व्यावसायिक पाठ्यक्रम घोषित नहीं किया गया।

दोनों ही विश्वविद्यालय द्वारा प्रतिनिधिमण्डल को आश्वस्त कराया गया कि उनकी मांग के संबंध में शीघ्र सकारात्मक कार्यवाही की जाएगी। लिखेश वर्मा के अनुसार व्यावसायिक पाठ्यक्रम घोषित होने से कृषि, उद्यानिकी, कृषि अभियांत्रिकी, दुग्ध प्रौद्योगिकी, वानिकी, पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान, खाद्य विज्ञान, जैव प्रौद्योगिकी, मछली पालन, रेशम पालन, गृह/सामुदायिक विज्ञान एवं फूड न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स पाठयक्रम के वर्तमान छात्रों के साथ साथ उक्त स्नातक उपाधि धारकों को भी लाभ होगा।