अंडा। पुरानिक चेलक ” अटेलहा कवि ” एवं पंथीगीत लेखक नर्तक एवं कवि सम्मेलन के मंच, पंथी प्रतियोगिता मंच में निर्णायक के भूमिका में उनके साथ मंच साझा करने का मौका मिला चेलक जी आकाशवाणी के गीतकार एवं दूरदर्शन के कलाकार है राष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय मंचों में अपने कला का प्रदर्शन कर छत्तीसगढ़ एवं अपने ग्राम आलबरस एवं निकुम का नाम रोशन किया है इनके लिखे गीतों को ग्रामीण पंथीदलों द्वारा गायन किया जाता है स्व. देवादास बंजारे जी भी इन्ही की गीतो का गायन करते थे चेलक जी अपने कविता में पाखण्ड के उपर अधिकांश प्रहार करते रहते है यह कहे कि चेतावनी कविता लिखते है उसी के कारण साहित्यकार लोग ” अटेलहा कवि ” के रूप में उनका पहिचान है नेताओं एवं धर्म के ठेकेदारों के उपर व्यंग कविता के माध्यम से समाज को दिशा निर्देशित करने का सतत प्रयास करते रहते है ।



प्यारे लाल देशमुख
कवि एवं गीतकार (लोकरंग अर्जुन्दा) ग्राम – निकुम, जिला-दुर्ग छ.ग. आदणीय चेलक जी दीपावली का शुभकामना देने एवं आशीर्वाद लेने उनके गृह ग्राम आलबरस पहुँचा । पुरानिक चेलक अंतरराष्ट्रीय पंथी गायंक से भेंट मुलाकात करने उनके निवास गृह ग्राम आलबरस पहुंचे एवं छत्तीसगढ़ी काब्य संग्रह पुरखा के चिन्हारी,अऊ चेत करौ तन के भेंट किया।