हाल के हफ्तों में, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, बेल्जियम, इटली, पुर्तगाल, स्पेन और स्वीडन के साथ-साथ अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में मंकीपॉक्स के 100 से अधिक संदिग्ध मामलों का पता चला है। ऐसे में इस वायरस के फैलने की आशंका बढ़ गई है। बता दें कि मंकीपॉक्स एक ऑर्थोपॉक्सवायरस से होता है, जो चेचक यानी स्मॉलपॉक्स से संबद्ध वायरस है।

तेल अवीव के इचिलोव अस्पताल के एक प्रवक्ता ने शनिवार को समाचार एजेंसी AFP को बताया कि ये वायरस एक 30 साल के शख्स में फैला है जो हाल ही में पश्चिमी यूरोप से मंकीपॉक्स के लक्षणों के साथ लौटा था। इसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इजरायल के स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि वे व्यक्ति विदेश में मंकीपॉक्स से पीड़ित के संपर्क में आया था। फिलहाल उसे अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में रखा गया है।
स्विट्जरलैंड ने शनिवार को मंकीपॉक्स के अपने पहले मामले की पुष्टि की। बर्न के कैंटन में एक व्यक्ति इस वायरस से संक्रमित हुआ है। ये भी विदेश से लौटा था। इस शख्स को पहले बुखार हुआ और फिर इनके शरीर पर दाने निकल आए। जिन लोगों के संपर्क में ये आए थे उन सबको हॉस्पिटल की तरफ से सूचना भेज दी गई है। बता दें कि इसके शुरुआती लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, सूजन, पीठ दर्द, मांसपेशियों में दर्द और सामान्य रूप से सुस्ती शामिल हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार मंकीपॉक्स आमतौर पर दो से चार सप्ताह के बाद ठीक हो जाता है। जल्द ही इसको लेकर गाइडलाइन जारी की जाएगी। WHO के मुताबिक अब तक 11 देशों में ये फैल चुका है। फिलहाल भारत में इस वायरस के केस नहीं मिले हैं। लेकिन सरकार अभी से ही अलर्ट मोड में है।