जननी, प्रथम गुरू व ईश्वर का रूप है मां टीकाराम सारथी
शिकसा ने मातृ दिवस पर “ईश्वर का रूप है मां” का किया आयोजन

अंडा।शिक्षक कला व साहित्य अकादमी छत्तीसगढ़ के तत्वावधान में मातृ दिवस के अवसर पर विशेष कार्यक्रम “ईश्वर का रूप है मां” का आयोजन संयोजक डाॅ. शिवनारायण देवांगन “आस” के संयोजन व टीकाराम सारथी प्राचार्य चुरतेली के अध्यक्षता में किया गया है। कार्यक्रम का शुभारम्भ सरस्वती वंदना-रागिनी साहू, राजगीत – संध्या पाठक ने प्रस्तुत कर किया । सर्वप्रथम संस्थापक व संयोजक डाॅ.शिवनारायण देवांगन “आस” ने बताया कि आज का दिन को हमने खास बनाने का प्रयास किया जिसके लिये हमने मां के साथ फोटो आमंत्रित कर यादगार स्वरूप प्रशस्ति पत्र प्रदान किया और कार्यक्रम का आयोजन किया गया है ।
तदुपरान्त प्रातांध्यक्ष कौशलेन्द्र पटेल, कोषाध्यक्ष बोधीराम साहू, सलाहकार प्रमोद कुमार आदित्य, संयुक्त सचिव संजय कुमार मैथिल व कार्यक्रम प्रभारी विजय कुमार प्रधान ने अपना अपना विचार प्रगट किया ।
कार्यक्रम के अध्यक्ष टीकाराम सारथी ने अपने उदबोधन में कहा कि शिकसा के संयोजक आस का जितना तारीफ करो कम है कि रोज कहा से नया नया कार्यक्रम लेकर आते है। मातृ दिवस पर कहा कि मां में तो सभी रूप समाया हुआ है जननी, प्रथम गुरू व ईश्वर का रूप है। कार्यक्रम में सरोजनी साहू, उषा भट्ट, रामकुमार पटेल, भारतमाता खटकर, रजनी साहू, बुधनी अजय, मीना भारद्वाज, कुमुदनी शराफ, रामलाल कोशले प्रधान पाठक, प्रतिभा त्रिपाठी, राजीव लोचन कश्यप, चन्द्र कुमार चन्द्रा, अश्विनी कुमार उइके, निशा महिलांग, भूमिका महिलांग, डॉ ज्योति किरण चन्द्राकर, पुष्पा पारेश्वर, ऋतंभरा कश्यप, अन्नपूर्णा यदु, योगेश्वरी तंबोली, मनोहर लाल यादव, गीता उपाध्याय, रुक्मिणी सिंह राजपूत, डॉ. तुलेश्वरी धुरंधर, हीना महिलांग, पुष्पांजलि ठाकुर, शिवकुमार अंगारे आदि ने गीत कविता व नृत्य प्रस्तुत कर कार्यक्रम को सफल बनाया।
कार्यक्रम का संचालक राधेश्याम कंवर एवं आभार प्रदर्शन डाॅ.शिवनारायण देवांगन “आस” ने किया।