मोतीपुर अतिक्रमण मामला: जमीन हथियाने पंचायत से जारी पट्टा का चल रहा खेल, आखिर किसने जारी किया है पंचायत के सील और तत्कालीन सरपंच का हस्ताक्षर कर पट्टा, जांच में हो सकता है फर्जीवाड़ा का चौंकाने वाला खुलासा, पढ़िए सीजी मितान की यह खास खबर


बलराम यादव
पाटन। मोतीपुर मे सड़क किनारे हुए अवैध कब्जा को लेकर रोज नए नए खुलासा हो रहा है। जानकारी के मुताबिक पंचायत द्वारा पट्टा जारी किए जाने का हवाला देकर कुछ लोग कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। इसी के कारण पंचायत और राजस्व विभाग इस पर कुछ एक्शन नहीं ले पा रहा है। अब सवाल यह उठता है कि पंचायत के रिकॉर्ड में किसी भी तरह का पट्टा जारी किए जाने का उल्लेख नहीं है। लेकिन सड़क किनारे के शासकीय भूमि पर बिना अनुमति के निर्माण करने वालो को आखिर किसने पट्टा जारी किया हैं। इसकी चर्चा जोर शोर से हो रही हैं । सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आज से करीब 20 साल पहले पूर्व सरपंच के नाम से कुछ ग्रामीण को पट्टा जारी किए जाने की खबर है। कई लोग इसी पट्टा को लेकर जमीन पर अपना हक जता रहे है। वही ग्रामीणों का कहना है कि इसी पट्टा के आधार पर कुछ ग्रामीणों ने शासकीय जमीन को बेच भी दिया है । जब जमीन खरीदने वालो ने निर्माण कार्य शुरू किया तब पट्टा वाले मामले का खुलासा हुआ। अतिक्रमण का मामला दर्ज होने के बाद कुछ लोग पट्टा लेकर भी पहुंचे थे। लेकिन जिस जमीन का पट्टा होने की बात किया जा रहा है उसका पट्टा वितरण का रिकॉर्ड पंचायत के पास भी नहीं है। अब ऐसे में पूरा पट्टा वितरण का फर्जीवाड़ा बड़े पैमाने पर होने का अंदाजा लगाया जा रहा है। जिसके जांच होने चाहिए। ग्राम पंचायत के वर्तमान सरपंच मोहन लोधी ने बताया कि जो लोग पट्टा की बात कह रहे है उसके पट्टा की जानकारी ली जाएगी। किसी भी अतिक्रमण कारी को बक्सा नहीं जाएगा।

पूर्व सरपंच का भूमिका की भी जांच हो
ग्राम मोतीपुर में पिछले पांच साल के कार्यकाल में सबसे ज्यादा अवैध कब्जा हुआ है। इस कारण पूर्व सरपंच की भूमिका पर भी संदेह किया जा रहा है। आखिर पूर्व सरपंच ने बढ़ती अवैध कब्जा को रोकने का प्रयास क्यों नहीं किया। उनके द्वारा राजस्व विभाग को समय रहते क्यों जानकारी नहीं दी है। पंचायत को अतिक्रमण हटाने का अधिकार है उसके बाद भी कुछ कार्रवाई क्यों नहीं हुई। इन सब सवाल का जवाब आज भी ग्रामीण मांग रहे है।