राकेश कुमार
कुम्हारी।कुम्हारी में चैत्र नवरात्र के अंतिम दिन विभिन्न मुहल्लों में घर-घर स्थापित ज्योत जंवारा को शुक्रवार को शीतला तालाब (बड़े तालाब) में विसर्जित किया गया। सुबह से ही सेवादारों व सेवा समितियों द्वारा ज्योत जंवारा की विधिवत पूजा-अर्चना कर जस व सेवा गीत गाकर ढोल-बाजे मांदर मंजीरा के धुन के माध्यम से निकाला गया। बड़ी संख्या में महिलाएं सिर पर जंवारा ज्योत कलश धारण किये खुल्ले पैर तपती धूप पर चल कर शीतला मंदिर प्रांगण तक पहुंची। विसर्जन यात्रा में श्रद्धालुओं ने अपने जीभ, गाल, हाथ, सीने, पर नुकीले सांग-बाणा चुभोये देवी शक्ति जस गीतों पर नाच रहे थे। जिसे देखने बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उपस्थित रहे। बता दे कि कुम्हारी में 7 घरों पर स्थापित ज्योत जंवारा को विसर्जन के लिए नगर के दर्जनों सेवा समितियों मंडलियों द्वारा शक्ति गीतों के माध्यम से निकाला गया पालिका अध्यक्ष राजेश्वर ने भी विसर्जन के दौरान दैवीय शक्ति परंपरा को सहेजने सांग बाणा लिया उन्होंने नुकीले बाणा को बैगा के माध्यम से अपने गालों पर चुभवाया जिसके बाद शक्ति व जस गीतों पर जमकर नाचते हुए विसर्जन स्थल तक गया। गौरतलब है कि ठीक एक दिन पहले नवरात्र के नवमी तिथि पर मां महामाया मंदिर में प्रज्ज्वलित 1946 ज्योत को प्रांगण स्थित जलकी कुंड में विसर्जित की गई। जहां सुबह से ही मंदिर के सेवादार व पंडा के माध्यम से विधिवत पूजा कर जसगीत व सेवगीत गाकर विसर्जन किया गया ।