नवा रायपुर स्थित नंदनवन जंगल सफारी का “प्रकृति दर्शन कार्यक्रम” के तहत इस वर्ष , 200 से अधिक स्कूलों और कॉलेजों के लगभग 15,000 विद्यार्थियों ने जंगल सफारी का दौरा किया और पर्यावरण एवं वन्यजीव संरक्षण के महत्व को करीब से समझने का अवसर प्राप्त किया। कार्यक्रम में नंदनवन जंगल सफारी की पर्यावरण शिक्षा टीम ने विद्यार्थियों को शेर, बाघ, सफेद बाघ, और हिमालयी भालू के साथ अन्य सभी प्रमुख वन्यजीवों के व्यवहार, आवास और उनकी पारिस्थितिकी भूमिका के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की । साथ ही, छत्तीसगढ़ के वनों में पाए जाने वाले विभिन्न तितलियों, पक्षियों, सूक्ष्मजीवों और उनके पर्यावरणीय संतुलन में योगदान को भी समझाया गया।

विद्यार्थियों को भारत और छत्तीसगढ़ में पाए जाने वाले औषधीय पौधों और उनकी उपयोगिता पर भी जानकारी प्रदान की गई। इन सत्रों में विद्यार्थियों ने इंटरएक्टिव तरीके से सवाल पूछे और प्रकृति के विभिन्न पहलुओं को जानने की गहरी रुचि दिखाई। इस कार्यक्रम ने बच्चों को प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण के प्रति न केवल जागरूक किया, बल्कि उन्हें पर्यावरण के साथ सह-अस्तित्व के महत्व को भी सिखाया। नंदनवन जंगल सफारी में अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के साथ मिलकर विद्यार्थियों के लिए प्रकृति आधारित मॉड्यूल भी डिजाइन किए हैं, जिसे नंदनवन जंगल सफारी में संचालित किया जा रहा है।

नंदनवन जंगल सफारी के संचालक धम्मशील गणवीर (आईएफएस) ने कहा कि, “प्रकृति दर्शन कार्यक्रम का उद्देश्य भावी पीढ़ी को प्रकृति और वन्यजीव संरक्षण के प्रति जागरूक बनाना है। यह कार्यक्रम बच्चों के ज्ञान को समृद्ध करता है और उन्हें प्रकृति से गहराई से जोड़ता है। हमें खुशी है कि यह पहल व्यापक रूप से सफल हो रही है और हम इसे और भी बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत हैं।”
नंदनवन जंगल सफारी का यह कार्यक्रम लगातार बढ़ती सफलता के साथ बच्चों और शिक्षकों को जोड़ रहा है और लगातार भाग लेने वालों की संख्या में वृद्धि हो रही है।