जशपुर जिले के पैकू प्राथमिक स्वास्थ केंद्र में राष्ट्रीय फाइलेरिया दिवस का हुआ आयोजन

जशपुर । जिले में 11 नवम्बर को राष्टीय फाइलेरिया दिवस के अवसर पर प्राथमिक स्वास्थ केंद्र पैकू विकासखंड जशपुर में फाइलेरिया उन्मूलन और जन जागरूकता कार्यक्रम का अयोजन किया गया जशपुर जिले के ग्राम पैकू, नीमगाव, भुडकेला जो की फिलेरिया प्रभावित क्षेत्र है यहां फाइलेरिया और हाइड्रिसल मरीज काफी संख्या में है इस कारण जिला स्वास्थ विभाग से इस प्रभावित क्षेत्र में प्रभावित मरीज के लिए जागरूकता कार्यक्रम आयोजन किया गया।विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार फाइलेरिया उन संक्रामक रोगों में से एक है, जिससे देश में प्रति वर्ष काफी लोग प्रभावित हो रहे हैं। इस रोग से प्रभावित व्यक्ति का अंग बुरी तरह से मोटा और विकृत हो जाता है जिसमें भारीपन ,दर्द और सूजन होता हैं समय पर उपचार नहीं लेने से कष्ट के साथ जीवन जीने को मजबूर होना पड़ता है।प्राथमिक स्वास्थ केंद्र के आर एम ए चिकित्सक साकेत वर्मा ने बताया कि फाइलेरिया रोग क्यूलेक्स मच्छर काटने से होता है। इस मच्छर के काटने से परजीवी शरीर में जाने से ये रोग होता है। वयस्क मच्छर छोटे-छोटे लार्वा को जन्म देता है, जिन्हें माइक्रो फाइलेरिया कहा जाता है। ये मनुष्य के रक्त में रात के समय एक्टिव होता है। इस कारण स्वास्थ्य टीम रात में ही पीड़ित का ब्लड सैंपल लेती हैं। साथ ही बताया कि फाइलेरिया के कारण व बचाव के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए ही प्रत्येक वर्ष 11 नवम्बर को राष्ट्रीय फाइलेरिया दिवस मनाया जाता है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में फाइलेरिया (हाथीपांव) और हाइड्रोसील के मरीजों के लिए ऑपरेशन, उपचार एवं जागरूकता कार्यक्रम जिले के विशेषज्ञ चिकित्सकों के सहयोग से चलाया जा रहा है। फाइलेरिया के मरीजों को स्वच्छता और साफ-सफाई के उद्देश्य से एमएमडीपी किट निःशुल्क प्रदान की जाती है। फाइलेरिया से बचाव के लिए सोने के समय मच्छरदानी का प्रयोग करने एवं घर के आसपास साफ-सफाई रखने की आवश्यकता बताई है। उन्होंने बताया कि घरों के इर्द-गिर्द गंदगी रहने से मच्छरों का प्रकोप बढ़ता है जिससे कई प्रकार की संक्रामक बीमारी फैलती है।इस अवसर पर जिला स्वास्थ विभाग से नील कुसुम लकड़ा और प्राथमिक स्वास्थ केंद्र पैकू के आयुष चिकित्सक डॉ. आर. के. गुरु, आर.एम.ए साकेत वर्मा, सेक्टर सुपरवाइजर भारत खुटे, एम.एल.टी संतोष भगत, स्टाफ नर्स हेमलता पैकरा, बसंती पटेल, मधुलिका तेंदुवा, इन्दु सन्याशी की सक्रिय सहभागिता रही।