प्रकृति का अनमोल उपहार है नवाखाई-महेन्द्र नेताम, गोंडवाना समाज फरसियां का नवाखाई व ठाकुर जोहारनी संपन्न

प्राचीन संस्कृति, पेन-पुरखा, परंपरा को बचाए रखने का आह्वान

मौर्यधवज सेन
नगरी/सिहावा, बेलरगांव। गोंड़वाना समाज उपक्षेत्र महामाई फरसियां का नवाखाई व ठाकुर जोहारनी का पर्व ग्राम नवापारा के युवा, महिला एवं सामान्य प्रभाग की उपस्थिति में रेला पाटा नृत्य कर मनाया गया । सर्वप्रथम मुख्य अतिथि महेन्द्र नेताम जिला गोंड़ समाज के उपाध्यक्ष एवं सरपंच संघ के अध्यक्ष ने समाज की पेन-पुरखा, प्राचीन संस्कृति, परंपरा को बचाए रखने का आह्वान करते हुए नवाखाई पर्व की सभी जनों को बधाई दी। नवाखाई पर्व का मतलब सिर्फ उत्सव मनाने के अलावा भी अनेक उद्देश्य होता है, महापर्व हमारे पुरखों द्वारा संरक्षित प्रकृति की अनमोल उपहार है । नवाखाई में सर्वप्रथम उत्पदित अनाज को अपने पुरखों, देवी-देवताओं, पेन के समक्ष समर्पण कर लेते हैं। समाज के गढ़-देवालय को सुरक्षित रखने, शिक्षा, गोंडी भाषा का व्यापक प्रचार-प्रसार, गोटूल प्रारंभ करने पर जोर दिया। आदिवासी सामाजिक जनों पर शोषण, अत्याचार पर मिलकर लड़ने की बात कही । युवाओं को शराब एवं कुप्रथा से बचने तथा राजनीतिक सामाजिक जागरूकता आवश्यक बताया। पेसा कानून के संबंध में लोगों को जागरूक किया।
विशेष अतिथि कोमल सिंह नेताम, बृजलाल मरकाम रामेश्वर टेकाम, नरेन्द्र नेताम व राजेश मरकाम ने नवाखाई ठाकुर जोहारनी के संबंध में समाज को संबोधित किया।
महेन्द्र नेताम ने युवा युवतियों के मनमोहक रेला-पाटा नृत्य पर नकद पुरस्कार देकर प्रोत्साहित किया। कार्यक्रम में जवाहर मरकाम, सोहर मरकाम, केशव टेकाम, शांति नेताम, परमेश्वरी मरकाम, देवकी नेताम, परदेशी नेताम, धनेश नेताम,भूपेश नेताम, लिखन मरकाम नवापारा के अलावा नहरपारा, फरसियां एवं उपक्षेत्र के सभी प्रभाग के पदाधिकारी एवं समाजिकजन उपस्थित रहे।