अव्यवस्थित नया शिक्षा सत्र,पुस्तक,अंकसूची नहीं मिला,स्वीपर के हड़ताल से बुरा हाल,युक्तियुक्तकरण से मानसिक तनाव में शिक्षक





पंडरिया-शिक्षा विभाग के अब तक के इतिहास में इस वर्ष नया शिक्षा सत्र सबसे अव्यवस्थित नजर आ रहा है।सरकार एक तरफ सभी एक शिक्षकीय स्कूलों में शिक्षक भेजने की बात कहकर अपनी पीठ थपथपा रही है।वहीं सच्चाई यह है कि पहली बार नव प्रवेशी बच्चो को पाठ्यपुस्तक नसीब नहीं हो पाई है।वहीं अनेक विद्यालयों से शिक्षक की संख्या कम कर अन्य विद्यालयों को भेज दिया गया है,जहां ग्रामीणों में नाराजगी दिखने मिल रही है।इसके अलावा अनेक स्कूलों में भवन ,शौचालय,पेयजल जैसे सुविधाएं मुहैया नहीं करा पा रही है।दैहा नटोला का स्कूल भवन नहीं बन पाया है,वहीं सोनपुरी,लिहाटोला जैसे दर्जन भर से अधिक स्कूलों में शौचालय नहीं है।शिक्षा सत्र की शुरुवात के साथ शाला प्रवेशोत्व मनाए जा रहे हैं।ब्लाक में 322 प्राथमिक शाला व 156 माध्यमिक शाला है,वहीं  23 हाईस्कूल तथा 15 हायर सेकेंडरी स्कूल संचालित हैं।मिडिल स्कूल में करीब 15000 बच्चे तथा प्राथमिक शालाओं में करीब 23000 बच्चे अध्ययनरत हैं,जिनके लिये अब तक पाठ्यपुस्तक नहीं आई है।ब्लाक के किसी भी संकुल में अब तक पाठ्य पुस्तक नहीं पहुंची है।बताया जा रहा है कि पाठ्य पुस्तक अभी तक जिले में नहीं पहुंची है।पिछले वर्षों में पाठ्य पुस्तक मई माह में स्कूलों को वितरित कर दी जाती थी।जिन्हें विद्यालय खुलते बच्चो को प्राप्त हो जाता था।पाठ्य पुस्तक समय पर नहीं मिलने से विभाग की विफलता परिलक्षित हो रही है।शाला प्रवेश उत्सव की केवल औपचारिकता पूरी हो रही है।शिक्षा जगत से जुड़े लोग बृजमोहन अग्रवाल जैसे अनुभवी शिक्षा मंत्री की कमी महसूस कर रहे हैं।
*अंकसूची नहीं मिली*-नए शिक्षा सत्र में एक चीज यह भी देखने को मिली है कि बच्चो को अब तक अंकसूची नसीब नहीं हुई है।हाई स्कूल व हायर सेकंडरी के बच्चों का अंकसूची अब तक नहीं आई है।जिसके चलते अन्य जिले में अध्ययन के लिए जाने वाले बच्चे परेशान हैं तथा स्कूलों का चक्कर काट रहे हैं।प्रायमीरी व मिडिल स्कूलों का अंकसूची तो जारी कर दिया गया है।लेकिन ऐसा कोई विद्यालय नहीं होगा जिसका अंकसूची सही हो।कुछ न कुछ गलती हर विद्यालय के अंकसूची में हैं।तीन बार सुधार के लिए जनाकारी मांगी जा चुकी है इसके बावजूद सुधार नहीं हो पाया है।बच्चों के जन्मतिथि, नाम ,सरनेम ,विद्यालय के नाम सहित अनेक प्रकार की गलतियां हैं।कई ऐसे बच्चे हैं जिनका रिजल्ट ही नहीं जारी किया गया है।इन्हें यह भी पता नहीं है कि वे उत्तीर्ण हैं अनुत्तीर्ण हैं।लंबे समय के बाद पांचवी व आठवी की केंद्रीयकृत परीक्षा ली गई थी।लेकिन अव्यवस्था के चलते छात्रों को परेशानी हो रही है।
*सफाई का बुरा हाल*-पंडरिया ब्लाक सहित जिले के सभी स्कूलों में कार्यरत सफाई कर्मी 15 जून से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए हैं।जिसके चलते स्कूलों के सफाई व्यवस्था चरमराई हुई है।सफाई कर्मी के आभाव सफाई का कार्य प्रभावित हुआ है।ब्लाक में कुल 403 तथा जिले में कुल 1300 सफाई कर्मचारी कार्यरत हैं।इनकी मुख्य मांग अंशकालीन को पुर्णकालिन करने की मांग को लेकर अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए हैं।
*युक्तियुक्तकरण से तनाव में शिक्षक*-युक्तियुक्तकरण से सभी विद्यालय प्रभावित हुआ है,कुछेक स्कूलों में शिक्षक भेजे गए तो अधिकतर स्कूलों से शिक्षक हटाये गए हैं।युक्तियुक्तकरण के तहत दल्ली राजहरा,बालोद से 200 किलोमीटर दूर वनांचल में भेजे गए हैं।कुछ शिक्षक ऐसे हैं जो रमन सरकर के समय पति-पत्नी,विकलांगकता,गंभीर बीमारी के चलते अपने गृह ग्राम पहुंच गए थे,जो 10 साल बाद अतिशेष बनकर पंडरिया ब्लाक में भेज दिए गए हैं। शिक्षकों में युक्तियुक्तकरण के चलते भी नए शिक्षा सत्र के प्रति खासा उत्साह नहीं है। शिक्षकों को निवास से दुरस्थ विद्यालयों के स्थानांतरित कर दिया गया है।जिससे परिवार से अलग होने तथा सरकार के नीति से शिक्षक मानसिक तनाव में हैं।ऐसी स्थिति में शिक्षक भला कैसे अच्छी शिक्षा दे पाएंगे।