रायपुर।पं. रविशंकर विश्वविद्यालय के प्राचीन भारतीय इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्त्व विभाग के प्रो० दिनेश नंदिनी परिहार के अनंतर्ग शोध छात्र मो० जाकिर खान व अंमरकटक विश्वविद्यालय के शोध छात्र हेमंत कुमार वैष्णव ने कोरकोमा गांव के निकट खोजा नया रॉक आर्ट शैलाश्रय जिसका स्थानीय नाम रक्साटाटा है। रक्साटाटा शैलाश्रय की खोज वर्ष 2021 में किया जा चुका था जिसकी प्राथमिकी जानकारी शोधपत्र में प्रकाशित हेतु जा चुकी है।

कोरकोमा गांव के पास रॉक आर्ट साइट 502 मीटर की ऊंचाई पर एक पहाड़ी क्षेत्र में स्थित है। यह साइट आम रास्तों से आसानी से सुलभ नहीं है, यहाँ पहुँचने के लिए हाइकिंग किट और उचित ट्रेकिंग गियर की आवश्यकता होती है। अपने दूरस्थ स्थान के कारण, यह समय के साथ अच्छी तरह से संरक्षित रहा है। आश्रय में मेसोलिथिक-काल की पेंटिंग हैं, जिनमें ज़िगजैग पैटर्न, हनीकॉम्ब डिज़ाइन और ज्यामितीय आकृतियाँ शामिल हैं। आसपास की चट्टानी संरचनाएँ संकेत देती हैं कि आश्रय को सुरक्षा और दृश्यता के लिए रणनीतिक रूप से चुना गया था, जिससे यह एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल बन गया जो प्रागैतिहासिक मनुष्यों के जीवन में अंतर्दृष्टि प्रदान करता है। इस खोज का विस्तृत अध्ययन शोध पत्र में जल्द ही प्रकाषित होने वाला है।
