आशीष दास
कोंडागांव । कोंडागांव जिला के अंतर्गत शासन के निर्देश अनुसार मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ आरके सिंग और जिला मलेरिया अधिकारी के मार्ग दर्शन में पहली बार फाइलेरिया नाइट ब्लड सैंपल सर्वे कार्य किया जा रहा है। जिले के सभी पांचों विकासखंड कोंडागांव, फरसगांव, माकड़ी, केशकाल, एवं विश्रामपुरी के अंतर्गत फाइलेरिया के धनात्मक मरीज के निवासरत पारा वार्डो में सर्व कार्य किया जा रहा जिसमे सर्वे कार्य के लिए मेडिकल टीम का गठन कर 3 दिवसीय सर्वे कार्य की कार्य योजना बनाई गई है जिसमें दो आरएचओ पुरुष एक लैब टेक्नीशियन और संबंधित मितानिन को भी शामिल कर डोर टू डोर सर्वे कराया जा रहा है। सर्वे में 20 वर्ष से अधिक परिवार के सभी सदस्यों की स्लाइड बनाई जा रही है।इसी क्रम में दिनांक 12 दिसंबर से 14 दिसंबर तक कोंडागांव के बंधापारा और शाहिद भगत सिंह वार्ड में सर्वे कार्य रात्रि 8:00 बजे से रात्रि 12 बजे तक किया जायेगा। तीन दिवस में 300 स्लाइड संग्रहण करने की लक्ष्य का भी निर्धारण की जानकारी दी गई है।जिला सलाहकार इमरान खान ने बताया कि सर्वे कार्य की शुरुआत 12 दिसंबर रात्रि 8 बजे से दोनो वार्डो में किया गया साथ ही पुराने फाइलेरिया के मरीज के आसपास के घरों की ज्यादा निगरानी की जा रही है इसके लिए टीमें बनाई गई हैं, जो रात में लोगों के खून का सैंपल लेकर फाइलेरिया संक्रमण का पता लगाएंगे, क्योंकि इसका जीवाणु माइक्रोफाइलेरिया रात में सक्रिय होता है। सर्वे के समय पर एवं स्लाइड में धनात्मक प्रकरण मिलने पर तुरंत उपचार कर विकृति से बचाव पर नियंत्रण करने की बाते बताई गई। साथ ही उन्होंने फाइलेरिया के लक्षण जैसे कई दिन तक रुक-रुक कर बुखार आना। शरीर में दर्द एवं लिम्फ नोड (लसिका ग्रंथियों) में सूजन। हाथ, पैरों में सूजन (हाथी पांव) एवं पुरुषों के अंडकोष में सूजन (हाइड्रोसील)। महिलाओं के ब्रेस्ट में सूजन, पहले दिन में पैरों में सूजन रहती है और रात में आराम करने पर कम हो जाती है। संक्रमित व्यक्ति में बीमारी के लक्षण पांच से 15 साल तक में दिख सकते हैं। इसके बचाव के लिए उन्होंने बताया कि लक्षण लगने पर समय से जांच कराकर इलाज शुरू कर दें। फाइलेरिया की दवा का सेवन पांच वर्ष तक हर साल कर बचा जा सकता है। फाइलेरिया के मच्छर गंदी जगह पर पनपते हैं। इसलिए मच्छरों से बचाव करें। साफ़ सफाई रखकर मच्छर से बचने के लिए फुल आस्तीन के कपड़े पहनें। रात में सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें। पारा वासियों को भी घरों के आसपास एवं नालियों की साफ सफाई मच्छरदानी का उपयोग करने और बुखार या पैर में किसी भी प्रकार की सुजन की शिकायत होने पर तुरंत चिकित्सक से जांच उपचार करवाने की समझाइश दी जा रही है। इस दौरान प्रभारी मलेरिया निरीक्षक संजय नायडू मलेरिया टेक्निकल सुपर वाइजर हीना चंदेल, लैब टेक्नीशियन उत्तम साहू, आशीष राव, स्वास्थ कर्मचारी नवीन बिसोई, हेमसिंह सोरी, टीकेश्वर पांडे, कृष्ण कुमार ध्रुव, मितानिन शिमला जायसवाल और ललिता नेताम उपस्थित रही।
