मौर्यधवज सेन
नगरी/सिहावा, बेलरगांव।दुगली केक्ति सेंटर में लघु वनोपज संग्रहण का डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर हुआ जिसके अंतर्गत लोकेश्वरी पति तोमेश नेताम अमाली समिति को फूल ईमली संग्रहण का 2001 रुपये का पहला भुगतान किया गया जो प्रदेश ही नही देश का पहला एमफपीएस के तहत भुगतान किया गया है। लघु वनोपज संग्राहकों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है एक्सिस बैंक रायपुर के माध्यम से संग्राहकों को उनके मेहनताना को तुरन्त दिलाने के लिए सर्वेक्षण का कार्य केवायसी के माध्यम से कराया गया है जिसके अधीन संग्राहकों का पंजीयन कराया गया है। पंजीकृत संग्रहको को अब विक्रय किये गए लघुवनोपज का भुगतान तुरन्त होगा।

बुधवार को दुगली केक्ति सेंटर में इसका शुभारंभ किया गया। यह कार्य तीन चरणों मे सम्पन्न होगा पहला महिला स्व सहायता समूह के द्वारा संग्रहण कर संग्रहको का डाटा पोर्टल में चढ़ाया जायेगा फिर समिति प्रबंधक और पोषक अधिकारी के निरीक्षण पश्चात प्रबंध संचालक के पोर्टल पर भेजा जावेगा प्रबंध संचालक के एप्रुभल के बाद एक्सिस बैंक के माध्यम से संग्रहको के खाते में राशि तुरन्त।हस्तांतरित हो जाएगी। इस तरह लघु वनोपज का भुगतान संग्रहको के खाते में तुरन्त मिल जाएगा।

रायपुर से आये एक्सिस बैंक के अधिकारी दीपक सातव ने बताया कि छत्तीसगढ़ में अब तक 13 लाख संग्रहको का सर्वेक्षण कार्य किया जा चुका है। संग्रहको के हित के लिए इनके द्वारा सर्वेक्षण, प्रशिक्षण, एवं पोर्टल की प्रोग्रामींन कराई गई है जिसका उद्देश्य वनवासियों को उनका मेहनताना राशि तुरन्त दिलाने के साथ-साथ उनके हित मे कार्य करना है। पोर्टल की डिजेनिग इस तरह की गई है कि इसमें सिर्फ संग्रहको के द्वारा लाये गए संग्रहण का ही एंट्री करना है बाकी केलकुलेशन स्वतः ही हो जएगा इस तरह से पारदर्शिता बनी रहेगी।
उन्होंने आगे बताया कि संग्रहको को अपना पंजीयन करना अनिवार्य होगा तभी उनका संग्रहण भुगतान किया जा सकेगा।
इस दौरान राज्य लघु वनोपज संघ से आये बी बारिक सर,काजल साहू प्रोग्रामर, उपप्रबन्ध संचालक एफआर कोसरिया, एक्सिस बैंक से दीपक सातव, सुजीत छाबड़ा उपस्थित थे। साथ ही साथ वनोपज समितियों के प्रबंधक ललित कश्यप, सुरेश साहू, यतींद्र साहू, कन्हैया सिन्हा, हरीश वर्मा, अनुसुइया ध्रूव एवम पोषक अधिकारी भी उपस्थित थे!

इन्हें हुआ ऑनलाइन भुगतान-
लोकेश्वरी पति तोमेश नेताम अमली समिति, फगनी बाई पति नरेंद्र प्रजापति दुगली समिति, मालती पति मनहरण छुही समिति आशकर न देव रतावा समिति को पारिश्रमिक राशि भुगतान किया गया।