पाटन। महिला एवं बाल विकास विभाग जिला दुर्ग अंतर्गत एकीकृत बाल विकास परियोजना जामगांव एम कुपोषण मुक्ति हेतु चयनित ग्राम पंचायत बठेना सेक्टर सिकोला परियोजना जामगांव अंतर्गत आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक बठेना 2 का बच्चा राम धीवर जो मध्यम कुपोषित की श्रेणी में है। फरवरी माह में बच्चे का वजन 11.800 ग्राम रहा है। राम खाने में दुकान का पैकेट वाला खाना चिप्स, कुरकुरे एवं घर पर चाय पीने का आदी था, जिसके कारण उसे उसका वजन सामान्य की तुलना में कम था। कुपोषण मुक्ति हेतु चयनित ग्राम में पालक बैठक में सेक्टर पर्यवेक्षक श्रीमती अंजुम द्वारा चिप्स कुरकुरे आदि न खाने के स्थान पर पौष्टिक आहार *पोषण खजानी* और घर के बने भोजन करने की सलाह दी गई ।अजय कुमार साहू जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी जिला दुर्ग ने पोषण खजानी के बारे में बताया कि हमें रोज की दिनचर्या हेतु कुछ आवश्यक पोषक तत्वों की अत्यंत आवश्यकता होती है यह सामान्य भोजन से नहीं मिल पाती है इसके लिए नाश्ता के रूप में फूटा चना ,भींगा फ़ल्ली दाना , अंकुरित मूंग , गुड़ और तिल के लड्डू का नियमित प्रयोग करते है तो शरीर में खून की कमी के साथ साथ कैल्शियम की कमी की भी पूर्ति होती है और यह हमारे दैनिक जीवन के लिए बेहद जरूरी है ।आंगनवाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती गोदावरी साहू द्वारा समय-समय पर गृह भेंट के माध्यम से राम की माता को समझाइए दी गई की दुकान के पैकेट आदि सामान बच्चों को न खिलाएं और घर का बना और खाना खिलाए। आंगनबाड़ी केंद्र में भी बच्चे को चना ,फल्ली ,गुड़ , रेडी टू ईट नाश्ता एवं गरम भोजन तथा बाल संदर्भ में दवाई उपलब्ध कराई गई साथ ही सप्ताह में दो दिन आयरन सिरप भी पिलाया जा रहा है फल स्वरुप बच्चों के वजन में वृद्धि हुई है वर्तमान में बच्चे का वजन 12.200 ग्राम है और सामान्य में आने हेतु सिर्फ 200 ग्राम की कमी है, राम ने स्वयं से चिप्स कुरकुरे आदि खाना छोड़ कर उसके स्थान पर रेडी टू इट का लड्डू, चना ,फल्ली ,गुड़ खाना शुरू कर दिया है। चिप्स ,कुरकुरे के नहीं खाने से अब बच्चे का वजन बढ़ रहा है इससे माता पिता खुश है ।
