ओबीसी महासभा ने ओबीसी की राष्ट्रीय जनगणना एवं आरक्षण सहित 30 बिंदुओं पर सौंपा ज्ञापन
30 बिंदुओं में ज्ञापन सौंपकर ओबीसी महासभा ने आंदोलन का बिगुल फूंका

पंडरिया।ओबीसी महासभा प्रदेश ईकाई के आह्वान पर प्रदेश अध्यक्ष ओबीसी राधेश्याम के नेतृत्व में अलग अलग बिंदुओं पर विगत 3 वर्षों से प्रतिमाह ज्ञापन कलेक्टर ,एसडीएम व तहसीलदार के माध्यम से छत्तीसगढ़ प्रदेश के सभी जिला मे राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल व मुख्यमंत्री के नाम सौंपा गया है।
शुक्रवार को ओबीसी महासभा पंडरिया द्वारा तहसीलदार पंडरिया को ज्ञापन सौंपा गया। जिसमें प्रमुख रूप से जिला अध्यक्ष अधिकारी कर्मचारी मोर्चा नवल किशोर साहू, जिला उपाध्यक्ष गोपाल चंद्राकर, जिला महासचिव ललित चंद्राकर, ब्लाक अध्यक्ष विनोद कुमार जायसवाल, जगदेव साहू, राजा जायसवाल, दुर्गेश साहू, मुकेश साहू, रवि चंदाकर, लोकेश चंदाकर, संजीव साहू, देवेंद्र विश्वकर्मा, सुखनंदन निषाद सहित बड़ी संख्या में ओबीसी के पदाधिकारीगण सम्मिलित हुए।
मई माह का ज्ञापन छत्तीसगढ़ प्रदेश के सभी जिलों में सौंपा गया ।ओबीसी के हित संरक्षण एवं संवर्धन हेतु शासन स्तर पर आवश्यक कार्यवाही हेतु बिंदुवार ज्ञापन सौपा गया है। जिनका मुद्दा प्रमुख रूप से ये हैलंबित राष्ट्रीय जनगणना शीघ्र कराई जावे जिसमें ओबीसी के लिए पृथक से कोड नंबर निर्धारित हो ।उक्त आशय का प्रस्ताव केंद्र सरकार को अविलंब भेजे जाने ओबीसी समुदाय को आबादी के बराबर समानुपातिक संवैधानिक प्रतिनिधि आरक्षण, कार्यपालिका,न्यायपालिका,विधायिका ,मीडिया एवं सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के सभी उपक्रमों में प्रदान किए जाने विगत 30 वर्षों से लंबित 27 प्रतिशत आरक्षण राज्य में अविलंब लागू किये जाने एवं उक्त अवधि का बैकलॉग नियुक्तियां, मंडल कमीशन की सभी अनुशंसाओं को पूर्णतः लागू किए जाने हेतु प्रस्ताव केंद्र सरकार को अति शीघ्र भेजे जाने, छत्तीसगढ़ प्रदेश की राजधानी रायपुर में ओबीसी महासभा के लिए कम से कम 5 एकड़ भूमि तथा प्रत्येक जिला मुख्यालयों में ओबीसी महासभा के लिए भूमि एवं भवन आवंटित किए जाने, प्रत्येक तहसील मुख्यालयों में ओबीसी के लिए पोस्ट मैट्रिक एवं प्री मैट्रिक छात्रावास तथा जिला मुख्यालयों में बालिकाओं के लिए पृथक से सर्व सुविधा युक्त छात्रावास का प्रावधान राज्य छात्रवृत्ति में विसंगतियों को दूर करते हुए अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति की भांति समान शर्तों एवं दरों पर एवं केंद्र के समान ओबीसी को भी छात्रवृत्ति का प्रावधान मिले।
उपरोक्त मांगों पर त्वरित कार्रवाई कर ओबीसी समाज को सामाजिक न्याय प्रदान कर समतामूलक समाज की स्थापना में महती योगदान प्रदान करने का अनुरोध किया गया है।