रिपोर्टर : चंद्रभान यादव
जशपुर : बगीचा ब्लॉक का ग्राम पंचायत बच्छरांव जहां कुछ साल पहले पत्थरगड़ी आंदोलन हुआ था, वहां अब जमीन को लेकर फिर से तनावपूर्ण स्थिति निर्मित हो गई है। गांव के 131 ग्रामीणों के पास वंटन पट्टा है, जिसके आधार पर वह जमीन पर अपना मालिकाना हक चाह रहे हैं। वहीं सैकड़ों ग्रामीण ऐसे भी हैं जिनका कहना है कि जिस जमीन का पट्टा जारी हुआ है, उस जमीन पर वे बाप दादाओं के समय से काबिज हैं। ऐसे सैकड़ाें की संख्या में ग्रामीण सोमवार को कलेक्ट्रेट पहुंचे और कलेक्टर से पट्टा निरस्त करने की मांग की है।
कलेक्टर को शिकायत करने पहुंचे बच्छरांव के ग्रामीणों ने कहा कि ग्राम पंचायत बच्छरांव में सन 1976-77 में बंटन भूमि का बिना स्थल निरीक्षण किए फर्जी तरीके से 131 लोगों को पट्टा दिया गया। जिनके पास पट्टा है, वे आज तक उस जमीन पर काबिज नहीं हैं। ग्रामीणों ने कहा कि हम उस जमीन पर बाप-दादाओं के समय से काबिज हैं।
भूमि का बंटन पट्टा काबिज लोगों को ही मिलना चाहिए, पर ग्राम बच्छरांव में जमीन पर काबिज कोई और है और पट्टा किसी और को दिया गया है। ग्रामीणों ने मांग की है कि स्थल निरीक्षण कर पट्टा निरस्त करने की कार्रवाई की जाए।
सालों बाद बढ़ा विवाद जमीन का पट्टा सन 1976-77 में जारी हुआ था। इस पट्टे को निरस्त करने की मांग 45 साल बाद अचानक कैसे उठी इसकाे लेकर भास्कर ने पड़ताल किया तो पाया कि जमीन को लेकर बच्छरांव में ग्रामीणों के बीच आपसी मनमुटाव का माहौल बन चुका है। दरअसल जिनके पास पट्टा है, वे अब अपने पट्टे की जमीन का चिह्नांकन कराने की कार्रवाई कर रहे है। इधर एक पक्ष यह कह रहा है कि जल जंगल जमीन सब हमारी है, पूर्व में जो पट्टा जारी हुए हैं, वह गलत तरीके से जारी किए गए हैं।
नायब तहसीलदार से जानकारी मंगाई जाएगी: मामले में बगीचा तहसीलदार प्रदीप राठिया ने कहा कि ग्रामीणों का आवेदन उनके कार्यालय में नहीं पहुंचा है। नायब तहसीलदार से इस संबंध में जानकारी लेकर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
जिनके पास जमीन का पट्टा है, उनका कहना है कि उनके पास उनकी जमीन का पट्टा है। कुछ ग्रामीण उनका पट्टा निरस्त कर उनकी जमीन पर खुद कब्जा करना चाहते हैं। कुछ लोगों ने कब्जा कर लिया है। उनकी तरफ से इस संबंध में जल्द कलेक्टर और एसपी को आवेदन दिया जा चुका है। ग्रामीणों का कहना है कि जिस जमीन के आधार पर वे दो पीढ़ी से सरकारी दस्तावेज बनवा रहे हैं, उस पट्टे को ही निरस्त कराने की साजिश चल रही है। इसमें कुछ बाहरी लोग सक्रिय हैं, जो स्थानीय ग्रामीणोें के बीच जमीन को लेकर फूट डालने का काम कर रहे हैं,