पंडरिया । नगर सहित ब्लाक के ग्रामीण क्षेत्रों में हलषष्ठी का पर्व मनाया गया।जिसमें महिलाओं ने उपवास रखकर अच्छे संतान व अपने संतान की लंबी उम्र के लिए पूजा पाठ किया।सुबह से ही कई जगहों पर पूजा पाठ के लिए सगरी बना कर तैयारी की गई।जिसके पश्चात दोपहर तक पूजा पाठ चलता रहा।
हलषष्ठी के दिन महिलाएं सुबह स्नान करके व्रत का संकल्प लेती हैं। इसके बाद घर या बाहर कहीं महिलाएं घर में ही गोबर से प्रतीक रूप में तालाब बनाकर,उसमें झरबेरी, पलाश और कांसी के पौधे लगाती हैं तथा वहां पर बैठकर पूजा अर्चना करती हैं एवं हल षष्ठी की कथा सुनती हैं। मान्यता के अनुसार इस व्रत में इस दिन भैंस के दूध,घी,सूखे मेवे, लाल चावल व बिना हल चले अनाज आदि का सेवन किया जाता है। इस दिन गाय के दूध व दही का सेवन नहीं करना चाहिए।महुआ के दातुन,दोना पत्तल व लाई का प्रसाद दिया जाता है।