बलराम यादव
पाटन। नए साल लगने में सिर्फ 1 दिन बाकी है। नए साल का जश्न मनाने पाटन के ग्रामीणों ने भी तैयारियां शुरू कर दी है। बता दें कि पाटन में भी कई ऐसे धार्मिक व पर्यटन स्थल है जहां पर नए साल के पहले ही दिन श्रद्धालुओं की पिकनिक मनाने वालों की भीड़ जुड़ती है। परिवार के साथ अपने दोस्तों के साथ लोग पिकनिक मनाने जाते हैं वहीं कई परिवार और कई लोग नए साल के पहले दिन मंदिर में जा कर पूजा अर्चना कर अपनी दिन की शुरुआत करते हैं ।ऐसी स्थिति में पाटन ब्लाक के तीन से चार स्थानों पर ज्यादातर भीड़ जुटती है। पिछले 2 साल से करोना के कारण लोग नए साल का जश्न में नहीं मना पाए थे इस बार नए साल मनाने के लिए काफी तैयारी भी कर रहे हैं।।


ठकुराइन टोला में जुटती है भीड़
पाटन ब्लॉक का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल के रूप में खारून नदी के पास स्थित ग्राम ठकुराइन टोला को जाना जाता है। यहां पर खारुन दी को बीचो-बीच 12 पाली निषाद समाज के द्वारा बनाया गया प्राचीन शिव मंदिर काफी आकर्षक है ।।यह श्रद्धालुओं को हमेशा आना होता है महाशिवरात्रि के अलावा यहां पर पूर्णिमा भी मेला लगता है। वही जब खारुन नदी में पानी लबालब रहता है तो इस स्थान का दृश्य देखने लायक रहता है । वहीं हर साल 1 जनवरी को यहां पर मेले जैसा माहौल रहता है । खारुन नदी में डुबकी लगाकर के कई परिवार सुबह पूजा अर्चना करके नए साल की शुरुआत करते हैं ।।वही पास ही में विशाल मैदान है जहां हरे भरे पेड़ पौधे हैं जहां पर लोग परिवार के साथ पिकनिक मनाने की भी जाते हैं।। इस तरह से यह क्षेत्र धीरे-धीरे पर्यटन का रूप ले रहे हैं।। वहीं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा यहां पर लक्ष्मण झूला बनाने की स्वीकृति देने के बाद लक्ष्मण झूला निर्माण का कार्य शुरू हो गया है लक्ष्मण झूला बन जाने के बाद यहां पर पर्यटन का विकास हो जाएगा।।

पुरातत्व गांव तरीघाट में है
पाटन का दूसरे पिकनिक स्थल के रूप में लोग अभनपुर पाटन के मध्य स्थित पाटन के अंतिम छोर पर बसे गांव तरीघाट में जाते हैं।। इस ग्राम को पुरातत्व ग्राम का दर्जा दिया गया है। यहां पर पुरातत्व के अवशेष खुदाई के दौरान मिले हैं उसे देखने के लिए कई लोग जाते हैं ।वही यहां पर प्राचीन कलचुरी वंश का त्रिमूर्ति महामाया मंदिर है। इसके अलावा शनि मंदिर व विशाल शिवलिंग ,शिव जी का मंदिर स्थित है। साथ ही साथ मंदिर परिसर को आकर्षक पेड़ पौधे लगाकर सजाया गया है वहां भी पर्यटक पहुंचते हैं पूजा अर्चना करके पिकनिक मनाते हैं।
देवभूमि कोही में भी पिकनिक मनाने जाते है
दक्षिण पाटन क्षेत्र में ग्राम कोही को कवि को देव ग्राम कहा जाता है।। देव ग्राम के नाम से यही प्रसिद्ध है इसलिए है कि यहां पर प्राचीन स्वयंभू शिवलिंग मंदिर है एवं मां काली की भव्य मंदिर स्थित है। इसके अलावा सभी देवी देवताओं की मंदिर है ।।वह सामाजिक संस्थाओं का भी यहां पर भवन है।। खारुन नदी से घिरे इस स्थान पर 1 जनवरी को भक्तों की भीड़ लगती है पूजा अर्चना करके यहां पर काफी आकर्षक मैदान है जहां पर लोग परिवार के साथ नए साल की खुशियां बनाते हैं।।


