सेलुद।बाजार चौक सेलुद निवासी बलराम वर्मा व उनके परिवार द्वारा अपने मां श्रीमती लीलाबाई वर्मा के बरसी श्राद्ध में श्रीमद भागवत कथा का आयोजन के अंतिम दिवस कथा के कथावाचक बालोद गुंडरदेही के पंडित श्री भुपेन्द्र पांडेय महराज जी ने गीता सार कथा सुनाते हुए कहा कि अर्जुन कृष्ण से त्याग (त्याग) और संन्यास (जीवन का त्यागपूर्ण क्रम) के उद्देश्य के बारे में पूछते हैं। कृष्ण इन्हें और कर्म के पाँच कारणों, कर्म को प्रेरित करने वाले तीन कारकों और कर्म के तीन घटकों के बारे में बताते हैं।
वे भौतिक प्रकृति के तीन गुणों में से प्रत्येक के अनुसार कर्म, समझ, दृढ़ संकल्प, खुशी और काम का भी वर्णन करते हैं। मनुष्य को अपना काम स्वयं करने से सिद्धि प्राप्त होती है, दूसरे का नहीं, क्योंकि निर्धारित कर्तव्य कभी भी पाप कर्मों से प्रभावित नहीं होते। इसलिए मनुष्य को बिना आसक्ति या फल की आशा के, कर्तव्य समझकर काम करना चाहिए। मनुष्य को कभी भी अपने कर्तव्य का परित्याग नहीं करना चाहिए।

आत्म-साक्षात्कार का सर्वोच्च स्तर कृष्ण की शुद्ध भक्ति सेवा है। तदनुसार, कृष्ण अर्जुन को सलाह देते हैं कि वह हमेशा उन पर निर्भर रहे, उनकी सुरक्षा में काम करे और उनके प्रति सचेत रहे। यदि अर्जुन कृष्ण के लिए लड़ने से इनकार करता है, तो भी उसे युद्ध में घसीटा जाएगा क्योंकि क्षत्रिय के रूप में युद्ध करना उसका स्वभाव है। फिर भी, वह यह तय करने के लिए स्वतंत्र है कि वह क्या करना चाहता है।

कृष्ण की कृपा से अर्जुन का भ्रम और संदेह मिट जाता है और वह कृष्ण के अनुसार युद्ध करने का निर्णय लेता है इस कथा में बलराम वर्मा इन्द्रजीत वर्मा ईश्वरीय वर्मा जृयश्री वर्मा श्यामु वर्मा तोरण वर्मा संतोष वर्मा खिलेश वर्मा ईश्वर वर्मा कल्याणी वर्मा भुनेश्वरी वर्मा रानू वर्मा पुजा वर्मा छोटी वर्मा पुष्पा वर्मा उषा वर्मा रुखमणी वर्मा अन्नपुर्णा वर्मा ममता वर्मा किरण वर्मा परमेश्वरी वर्मा वंदना वर्मा लता वर्मा शारदा वर्मा नीमा साहू दिपिका साहू लछवंतीन साहू रामेश्वरी बघेल दुलारी साहू परमिला साहू मंजु ठाकुर भुनेश्वरी साहू मंजु साहू पेमिन ललिता काजल इःद्राणी भागबती ठाकुर सरोज मीना सहित ग्रामवासी शामिल हुए ।