गुरु पूर्णिमा पर्व पर गायत्री मंदिर कुथरेल में हुआ एक कुंडीय गायत्री महायज्ञ

अंडा। गायत्री ज्ञान मंदिर कुथरेल में गुरु पूर्णिमा पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया जिसमें प्रातः काल से ही पूजा का कार्यक्रम शुरू हो गया इसके बाद सामूहिक जप किया गया और फिर एक कुंडीय गायत्री महायज्ञ में सभी परिजनों ने आहुतियां समर्पित की।
पौराणिक काल के महान व्यक्तित्व, ब्रह्मसूत्र, महाभारत, श्रीमद्भागवत और अट्ठारह पुराण जैसे अद्भुत साहित्यों की रचना करने वाले महर्षि वेदव्यास जी का जन्म आषाढ़ पूर्णिमा को हुआ था और उनका जन्मोत्सव गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है। गुरु पूर्णिमा पर्व पर हर चीज से अपने गुरु का पूजन करता है एवं उनके बताए हुए मार्गो पर चलने का संकल्प लेता है। अंधकार से प्रकाश की ओर ले जाने वाले को ही गुरु कहा जाता है। एक कुंडीय गायत्री महायज्ञ में यशवंत देशमुख, कुमारी दुलारी देवांगन, संतोष देवांगन, गंगा सिन्हा, भारती कमलेश देशमुख व प्रेमलाल देशमुख एवं अन्य परिजन उपस्थित रहे।