संत साहेब जी ने भौतिकवादी युग में अपने बच्चों को संस्कारवान बनाने के दिशा में शिक्षा प्रदान करना पलकों का मूल उद्देश्य होना चाहिए।

गुरु गोविंद दोउ खड़े,काके लागूं पाय। बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो बताए।।
बड़ा हुआ सो क्या हुआ,जैसे पेड़ खजूर।
पंथी को छाया नहीं,फल लागे अतिदुर।।
संतो ने उद्बोधन में कहा कि भागवत गीता पाठ करने से हमें पुण्य की प्राप्ति नहीं हो सकती,हमें कर्म के अनुसार फल की प्राप्ति होती है।
प्रवचन का लाभ लेने अशोक साहू उपाध्यक्ष ज़िप दुर्ग,पुरन साहू पूर्व जप, गैंदलाल डहरिया पूर्व जप,कमलेश साहू उपसरपंच,शीतल दास,बिसौहा बढ़ई,यादराम साहू,बुधु लाल साहू,महेश साहू,कृष्ण कुमार,पति राम,भारत साहू,भुवन साहू,बंधु साहू,उषा साहू, इंदिया यादव, धनजय साहू,मंगल निर्मल,रूपेंद्र साहू सहित ग्रामीण जन सम्मिलित हुए।