जौहरी ही करेंगे सोने की पहचान, भूपेश बघेल ही सांसद के योग्य – ताराचंद छाजेड़

राजनांदगांव । पूर्व जनपद सदस्य व पूर्व सरपंच ताराचंद छाजेड़ ने बड़ा बयान देते हुए कहा कि राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र क्रमांक 06 के मतदाता चाहे कम पढ़े लिखे हो या ज्यादा पढ़े लिखे हो वह यह समझ रहे हैं कि कम योग्य प्रत्याशी के समक्ष इस बार ज्यादा नहीं बहुत ज्यादा योग्य प्रत्याशी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के रूप में हमारे सामने हैं। कहते हैं कि सोने की पहचान जौहरी ही कर सकते हैं लेकिन राजनांदगांव तो जौहरीयों की ही खान है। भारत एक स्वस्थ लोकतंत्र के रूप में जाना जाता रहा है यहां जितने भी चुनाव हुए हैं जनता के मुद्दों को लेकर हुए हैं इस बार भी जनता के मुद्दों को लेकर चुनाव हो रहा है लेकिन आश्चर्य होता है कि डबल इंजन की सरकार जनता की मुद्दों को ही भूल गई है।
श्री छाजेड़ ने आगे कहा कि इस बार के चुनाव में पिछले 2019 के चुनाव में हासिये पर चली गई। कमजोर विपक्ष के रूप में काम कर रही कांग्रेस एकदम से फ्रंट पर आ गई है वह इसलिए की आम जनता के मुद्दों को लेकर चुनाव लड़ रही है इसमें कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि केंद्र में पूर्ण बहुमत से बनी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नित भाजपा सरकार जनता को मुद्दों से भटकाकर भारत में स्थाई और मन माफिक शासन करना चाहती है यह लोकतंत्र के लिए वाकई खतरे की घंटी है रही बात राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र के उम्मीदवार भूपेश बघेल की तो यदि केंद्र में पुनः भाजपा की सरकार बनी तो इन्हें दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल की तरह जेल के सलाखों में पीछे डाल दिया जाएगा। लेकिन भूपेश बघेल की अपनी योग्यता है यदि वह चुनाव जीत जाते हैं और केंद्र में कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनती है तो निश्चित रूप से वह प्रधानमंत्री बनाया जा सकते हैं प्रधानमंत्री नहीं तो कैबिनेट मंत्री अवश्य बनेंगे। अगर यह भी नहीं होता है तो कांग्रेस आला कमान उन्हें कोई ना कोई बड़े पद से नमाजेगी। आने वाले समय में वे राज्यसभा सांसद भी हो सकते हैं। अभी इस बात पर कोई पागल ही होगा जो हंसेगा और वही हंसेगा जो उनकी योग्यता को नहीं समझता हो वह छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रहे हैं। छत्तीसगढ़ी बोलते हैं हिंदी का भी उन्हें अच्छा ज्ञान है और पिछले दिनों उन्होंने अंग्रेजी के विद्यार्थियों की भी क्लास लेकर फर्राटेदार अंग्रेजी बोल चुके हैं ऐसे नेता क्यों नहीं सांसद के लायक होंगे। वह छत्तीसगढ़ राज्य और छत्तीसगढ़ियों के हितों की रक्षा खातिर संसद भवन में बहुत अच्छे तरीके से आवाज बुलंद कर सकते हैं उन्हें दीर्घकाल का राजनीतिक अनुभव है। चुनाव प्रचार के दौर देखा गया कि नीवर्तमान सांसद संतोष पांडे को ग्रामीण और नागरिकों में उतने योग्य की नजर से नहीं देखा है। जबकि भूपेश बघेल जहां भी गए हैं उन्हें आत्मीयता ही मिली है ऐसी आत्मीयता जैसे अपने सगे हो। और बड़ी बात यह है कि उन्होंने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रहते हुए कई ऐसी योजनाएं लाई जिसे केंद्र व राज्य के भाजपई सत्ता धिशो ने भी तारीफ की है। यह बात अलग है जी राजनीति में भूपेश बघेल कितने भी अच्छे हो भाजपा के लोग उनकी अनचाही बुराई भी करते हैं क्योंकि उन्हें राजनीति में जिंदा रहना है।