मानसून की सूचना लेकर पहुंचे ओपन बिल स्टार्क पक्षी, कुछ यहाँ स्थायी रूप से बसे


पण्डरिया-नगर के पास स्थित रमतला जलाशय में ओपन बिल स्टार्क पक्षी मानसून की सूचना लेकर पहुंच चुके हैं।प्रति वर्ष ये पक्षी नगर के पास स्थित रमतला जलाशय में जून के महीने में आते हैं।जो क्षेत्र में करीब 5 से 6 माह का समय बिताने के बाद वापस लौट जाते हैं।ये पक्षी बहुत लंबे समय से जलाशय में आ रहे हैं।प्रति वर्ष इनकी संख्या में वृद्धि देखी जा रही है।दक्षिण के ओर से ये पक्षी प्रति वर्ष क्षेत्र में आते हैं,जो मानसून के बाद लौट जाते हैं।


कुछ पक्षी स्थायी रूप से बसे-पहले ये पक्षी कुछ दिन बिताने के बाद लौट जाते थे।किंतु इसका एक दल क्रांति जलाशय के पास स्थायी रूप से बस गया है।ये पूरे वर्ष भर जलाशय के ऊपर स्थित पहाड़ियों पर रहते हैं।
मानसून का सूचक है पक्षी-ओपन बिल स्टोर्क पक्षी मानसून का सूचक होता है,ये मानसून के पहले क्षेत्र में पहुंच जाते हैं।किसान इस पक्षियों के आने को मानसून का सूचक मानते हैं।ये सैकड़ों की संख्या में यहां आते हैं।क्षेत्र में इन्हें खाने के लिए पर्याप्त भोजन मिलता है।ये मुख्य रूप से घोंघा सहित जलीय जीव को खाते हैं।यह मांसाहारी पक्षी है।जिसे हर वर्ष अच्छी बरसात की जरूरत होती है।इसकी चोंच बीच से खुली होने के कारण ही इसे ओपन बिल कहा जाता है। इस पक्षी का रंग स्लेटी सफेद होता है तथा इसकी पूंछ चमकीले काले रंग की होती है। ये पक्षी आमतौर पर जोड़े व छोटे-छोटे समूह में ही रहते हैं।यह पक्षी भोजन की तलाश में स्थानीय प्रवास भी करते हैं।


जून से दिसम्बर तक प्रजनन काल– ओपन बिल स्टार्क पक्षी की 20 प्रजातियां पाई जाती है।ये प्रवासी पक्षी चीन,ऑस्ट्रेलिया,थाईलैंड,इंडोनेशिया,म्यामार,सिंगापुर,बांग्लादेशसहित कई देशों में पाई जाती है,जो भोजन की तलाश तथा प्रजनन के लिए इस क्षेत्र में आते हैं।इस पक्षी के प्रजनन का समय जून से नवम्बर तक होता है।उन्होंने बताया कि ओपन बिल मुख्य रूप से भोजन व प्रजनन के लिए इस क्षेत्र में आते हैं,प्रजनन के बाद वापस लौट जाते हैं।


जलाशयों के आस-पास बनाते हैं,घोसला-ओपन बिल स्टार्क पक्षी का घोसला जलाशयों के आस-पास होता है।यह पक्षी प्रजनन के लिए उन जगहों की तलाश करते हैं जहां पानी व पर्याप्त भोजन मिल सके।जिसके चलते ये जलाशय के आस-पास पीपल,इमली सहित कई पेड़ों पर अपना घोसला बनाते हैं।जब यह पक्षी घोंसला बनाते हैं,तो नर पक्षी घोंसले के लिए जरूरी सामान एकत्रित करता है तथा मादा पक्षी उसे पेड़ पर जमाकर घोंसला बनाती है। इन पक्षियों के घोंसले पानी के बीच में उगे पेड़ अथवा जलाशयों के आसपास के पेड़ों में होते हैं। यह पक्षी एक पेड़ पर कई घोसले बनाते हैं।