आशीष दास
कोंडागांव/फरसगांव । फरसगांव क्षेत्र में खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं है, कमी सिर्फ मैदान की है। नगर में खेल प्रतिभा को निखारने के लिए सही प्लेटफॉर्म नहीं मिल रहा है। लाखों रुपए खर्च कर नगर पंचायत फरसगांव के एक मात्र मिनी स्टेडियम को पिछले 2 वर्ष से धान संग्रहण केंद्र बनाने से इस स्टेडियम की स्थिति खराब है। स्थिति ऐसी है कि यहां खिलाड़ी अब प्रैक्टिस नहीं कर पा रहे हैं।
क्षेत्र के खिलाड़ी कई खेलो से हो रहे दूर:-
खिलाड़ियों ने बताया कि नगर के एकमात्र स्टेडियम में धान संग्रहण केंद्र बनाने से पिछले 2 वर्ष से क्षेत्र के खिलाड़ी विभिन्न खेलों से मरहूम है। पूर्व में यहां कुछ प्रतियोगिता या अन्य कार्यक्रमों का आयोजन जरूर हुआ करता था लेकिन अब स्टेडियम को धान संग्रहण केन्द्र बनाए जाने से कोई भी आयोजन नहीं हो रहा। इस स्टेडियम का कोई उपयोग नहीं हो रहा है। इस कारण क्षेत्र के खिलाड़ी कई खेल से दूर हाे रहे है।
मांग के बावजूद स्थानीय नेताओं ने नहीं दिया ध्यान:-
नगर वासियों ने बताया कि स्टेडियम का उपयोग धान संग्रहण के लिए हो रहा है। जिससे नगर में खेल व विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजनों मजबूरी में नगर के हृदय स्थल पर स्थित अस्पताल मैदान में किया जा रहा है। यह एक तो भीड़भाड़ वाली जगह है दूसरी ओर अस्पताल के सामने होने से मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वर्तमान में धान का उठाव पूरा किया जा रहा है और आने वाले सत्र में भी धान संग्रहण करने की तैयारी हो रही है। इस स्टेडियम से धान खाली करवाकर मरम्मत कराए जाने को लेकर स्थानीय नेताओं से कई बार मांग भी की गई लेकिन ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
अव्यवस्थित तरीके से खड़े वाहनों से दुर्घटना की आशंका:-
फरसगांव के धान संग्रहण केंद्र में अनियमितता के कारण बाहर सड़क पर भारी संख्या में अव्यवस्थित तरीके से वाहन खड़े रहते हैं। संग्रहण केन्द्र में धान उठाव के लिये आए ट्रकों को सड़क के दोनों तरफ खड़े करने से सड़क पर आने-जाने वाले दूसरे मुसाफिरों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। राहगीरों ने बताया कि इससे दुर्घटना होने की संभावना बनी रहती है।
डीएमओ कहते हैं कि:-
इस विषय पर डीएमओ जयदेव सोनी से चर्चा करने पर उन्होंने कहा कि शासकीय कार्य हेतु कलेक्टर आदेश के अनुसार स्टेडियम को धान संग्रहण केंद्र बनाया गया है। अगर जिला कलेक्टर द्वारा इसे खाली कराने का आदेश दिया जाता है तो उसे तुरंत खाली कर अन्य जगह धान संग्रहण केंद्र बनाने की बात कही।