कुम्हारी। ग्राम लिमतरा में एक फरवरी बुधवार को साहित्यकार टिकेन्द्र टिकरिया समारोह सम्पन्न हुआ। छतीसगढ के दो पदमश्री कलाकार श्रीमति उषा बारले तथा डोमारसिंह कुंवर के साथ गाँव के कलाकार हेमराज निषाद को अगाासदिया सम्मान प्रदान किया गया। ग्राम पंचायत लिमतरा के सहयोग से आयोजित इस सम्मान समारोह मे कलाकारों ने पंडवाणी तथा नाचा की प्रस्तुति देकर आसपास के ग्रामीणों को देर रात तक बांधे रखा। पद्मश्री डोमार सिंह ने बताया कि साक्षरता अभियान में १९९४ से दुर्ग जिले में परियोजना संयोजक रहे साहित्यकार डा परदेशीराम वर्मा लिखित नाचा मैं बइला नोहंव को 2000 गांवो में हमने खेला। उस नाचा का लिमतरा में प्रदर्शन हुआ।नाचा में साक्षर बनाने का लाभ बताया गया था।
उषा बारले ने एक घंटे तक पंडवानी का प्रदर्शन किया। सुशील भोले तथा रसिक बिहारी अवधिया सहित बी.एल. ठाकुर ,डॉ. जे आर सोनी. बी.एल. कुर्रे. के.के. अग्रवाल, जितेन्द्र नाथ टिकरिहा, तुलसीराम मढ़रिया, सुधीर शर्मा, रामकुमार वर्मा सरपंच मंजू नेताम ने कलाकारो को सम्मानित किया। महेश वर्मा, दुर्योधन राव, देवजोशी, भारत बुलंदी सुरेश वाहने एवं हेमंत मढरिया मे काव्यपाठ किया। डॉ. सुधीर शर्मा ने अपने उद्बोधन में ग्राम लिमतरा को साहित्यकारों एवं कलाकारों का प्रसिद्ध गाँव बताते हुए कहा कि इस गांव की कीर्ति पूरे देश में है। इस कार्यक्रम में ग्राम रिंगनी, बोरसी, गोढी, चेटवा, नंदौरी, सुरजीडिह एवं कुम्हारी के रसिक श्रोता उपस्थिति थे। पदमश्री प्राप्त कलाकारों में श्रीमती उषा बारलें एवं डोमार सिंह कुंदर ने ग्राम लिमतरा से अपने जुडाव को याद करते हुए अगासदिया परिवार के प्रति आभार व्यक्त किया। डॉ. परदेशी राम वर्मा ने टिकेन्द्र नाथ टिकरिया के योगदान पर विस्तृत वक्तव्य दिया। राजेन्द्र साहू ने राजगीत का गायन किया। महेश वर्मा एवं नारायण चंद्राकर ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस अवसर पर श्रीमती स्मिता वर्मा, उषा वर्मा, नीतिश कुमार, मनहरण साहू, अहिवारा के पूर्व विधायक डोमन लाल कोरसेवाड़ा लोक सेवा आयोग के पूर्व अध्यक्ष बी. एल. ठाकुर, प्रेमसागर, दिनेश वर्मा, झालाराम मढ़रिया, देवकुमार देशमुख एवं कंडरका एवं ग्राम ढाबा सहित आस-पास के प्रमुख जन उपस्थित थे।