पंडरिया। नगर से गुजरने वाले नेशनल हाईवे में नगर के बाहर रेंहुँटा के पास से विशेषरा तक बाईपास सड़क निर्माण कार्य किया जा रहा था,जिसका निर्माण कार्य विगत दो माह से बंद है।लोग लंबे समय से बाईपास सड़क निर्माण बनने का इंतजार कर रहे थे,जिससे नगर को ट्रैफिक की समस्या से निजात मिल सके।किन्तु सड़क निर्माण बंद होने से एक बार फिर बाईपास सड़क निर्माण पर प्रश्न चिन्ह लग गया है।दो महीने बाद बरसात लग जाने के बाद निर्माण कार्य फिर चार महीने के लिए बंद हो जाएगा।जिसके चलते नगर वासियों को एक वर्ष पुनः ट्रैफिक समस्या से परेशान होना पड़ेगा।नगर में गन्ने के ट्रेक्टर गुजरने व बड़ी वाहनों के गुजरने से हमेशा जाम की स्थिति रहती है।
जमीन नहीं मिली–
शासन द्वारा उक्त सड़क पर करीब 20 करोड़ की 3.1 किलोमीटर बाईपास सड़क का निर्माण कार्य 1 जनवरी 2024 को प्रारंभ हुई थी।जिसे 18 महीने में पूरा करना था।16 महीने का समय बीत चुका है,जबकि निर्माण50 प्रतिशत भी पूरा नहीं हुआ है।कुल 3.1 किलोमीटर जमीन में प्रशासन द्वारा ठेकेदार को केवल 2.2 किलोमीटर जमीन ही सड़क निर्माण के लिए दिया गया।वहीं शेष जमीन करीब 900 मीटर नहीं दिया गया।जिसके कारण सड़क निर्माण बंद पड़ा हुआ है।बताया जा रहा है कि 900 मीटर लंबाई वाले करीब 5-6 भूमि मालिकों को मुआवजा नहीं मिला है।जिसके चलते जमीन मालिकों ने आपत्ति दर्ज कराई थी।इसी वजह से निर्माण रोक दिया गया है।ठेकेदार द्वारा एसडीएम कार्यालय व नेशनल हाईवे को कई बार जमीन अधिग्रहित कर सौपने की मांग की जा चुकी है,जिससे निर्माण कार्य जल्द पूरा किया जा सके।
क्यों फंसा है मुआवजा-बाईपास निर्माण में जिन किसानों की जमीन पड़ रही है,उसमें से कुछ किसानों को जमीन का मुआवजा नहीं मिला है।मुआवजा नहीं मिलने का मुख्य कारण बताया जाता है कि कुछ लोगों का जमीन पिता के नाम से रहता है,इसी बीच पिता की मृत्यु हो जाती है।खाता बंद होने के कारण मुआवजा राशि वापस हो जाती है।वहीं भाई-भाई के बीच बटांकन समस्या तथा पटवारी द्वारा गलत सीमांकन के कारण मुआवजा वितरण में परेशानी होती है।इन सब कारणों से किसानों की मुआवजा राशि नहीं मिल पाती है।

पुल निर्माण भी शुरू नहीं हुई-बाईपास सड़क में हाफ नदी पर पुल का निर्माण किया जाना है।किंतु अभी तक पुल निर्माण का कार्य शुरू भी नहीं हुआ है।जहां पुल निर्माण होना है,वहां भी जमीन अधिग्रहित नहीं की गई है।मुआवजा नहीं मिलने के कारण किसान द्वारा पुल निर्माण के जमीन नहीं दी जा रही है।जिसके चलते पुल निर्माण कार्य प्रारंभ नहीं हो पाया है।
राजस्व विभाग व नेशनल हाईवे के बीच फंसा मुआवजे का प्रकरण-बाईपास सड़क निर्माण दो माह से बंद पड़ा है,वहीं किसानों द्वारा मुआवजा नहीं मिलने का आवेदन दो महीने पहले राजस्व विभाग को दिए हैं।किंतु मामले का निराकरण आज पर्यंत नहीं किया गया है।जिससे किसान व ठेकेदार तथा सड़क निर्माण सभी फंसा हुआ है।जल्द निराकरण नहीं होने से ठेके का समय पूरा हो जाएगा तथा प्रक्रिया आगे बढ़ सकती है।वहीं पुनः स्टीमेट,रिटेण्डर सहित अन्य प्रक्रिया में उलझ जाएगा।जिसके पश्चात निर्माण वर्षों के लिए टल सकता है।उक्त मामले को लेकर नेशनल हाइवे राजस्व विभाग की ओर देख रहा है,वहीं राजस्व विभाग मुआवजे लिए नेशनल हाईवे द्वारा देने की बात कहती है।ऐसी स्थिति में बाई पास निर्माण का मामला उलझते हुए नजर आ रहा है।
“शासन द्वारा पूरी जमीन उपलब्ध नहीं कराई गई है।जिसके कारण कार्य बंद है।प्राप्त जमीनों पर कार्य किया गया है।जमीन मिलने पर तत्काल कार्य प्रारंभ हो जाएगा।”
सत्येंद्र दुबे,प्रोजेक्ट मैनेजर, बाई पास,सड़क।
“कुछ किसानों का मुआवजा नहीं मिलने का शिकायत था,जिस पर अनुविभागीय अधिकारी पंडरिया में कार्यवाही चल रही है।जल्द ही मामला निराकृत हो जाएगा।जिसके पश्चात निर्माण कार्य प्रारंभ हो जाएगा।”
संजय दिवाकर,एसडीओ,नेशनल हाईवे।