राजकुमार सिंह ठाकुर
पण्डरिया । नगर के उत्कृष्ट आत्मानंद अंग्रेजी विद्यालय में बच्चों की पढ़ाई का स्तर काफी कमजोर है।जिस उम्मीद से पालकों ने अपने बच्चों को निजी विद्यालयों से निकालकर आत्मानंद विद्यालय में दाखिला कराया था,वह उम्मीद टूटती नजर आ रही है।आत्मानंद विदयालय में केवल जयंती,त्यौहार व सम्मेलन मनाया जाता है।सप्ताह में कुछेक दिन ही पूरी पढ़ाई होती है।अधिकतर दिन आयोजन में निकल जाते हैं।इन सब आयोजनों के चलते बच्चे स्कूल जाने से कतराते हैं।पालकों का कहना है कि विदयालय आयोजन का केंद्र बनकर रह गया है।इसी कारण बच्चे कभी भी विद्यालय से घर आ जाते हैं।बच्चे यह भी बताते हैं कि प्रतिदिन पूरी कक्षाएं नहीं लगती है।कार्यक्रम के कारण ही रुकना पड़ता है।सप्ताह में एक- दो दिन तो आयोजनों में गुजरता है वहीं कई दिन पूरे शिक्षक भी नहीं रहते हैं।शासन ने आत्मानंद अंग्रेजी विद्यालय को निजी स्कूलों की तर्ज पर खोला था,लेकिन शासकीय आयोजन व मध्यान्ह भोजन ने आत्मानंद विद्यालय को अन्य शासकीय विद्यालयों से भी नीचे स्टार पर ला दिया है।पालक निजी विद्यालय जैसे पढ़ाई के उम्मीद में आत्मानंद स्कूल में अपने बच्चों को भर्ती किये थे।किन्तु पालकों के लिए अब यह केवल सपना प्रतीत हो रहा है।एक पालक ने नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर बताया कि शिकायत करने पर एक शिक्षक द्वारा यह कहा गया कि यह सरकारी स्कूल है,अन्य प्राइवेट स्कूल की तरह नहीं हो सकता। निजी विद्यालय से इसका तुलना नहीं किया जा सकता।अन्य शासकीय कार्य भी होते हैं।जिसके चलते पढ़ाई प्रभावित होता है।इस विद्यालय के अधिकतर बच्चे निजी विद्यालय में अध्ययनरत थे,जिन्हें आत्मानंद विद्यालय में अच्छे पढ़ाई का सपना दिखाया गया था।किंतु इस विद्यालय में पढ़ाई नहीं के बराबर हो रही है।जिससे पालक मायूस हैं।

अनुशासन की कमी- एक ओर जहां शासकीय आयोजन से बच्चों का पढ़ाई प्रभावित हो रही है,वहीं दूसरी ओर अनुशासन व जिम्मेदारी की कमी देखी जा रही है।शिक्षकों पालकों को संतुष्ट नहीं कर पा रहे हैं।प्रतिदिन बच्चे स्कूल समय मे जंगल में घूमते नजर आते हैं।जिसकी जानकारी शिक्षकों को नहीं रहती।स्कूल समय मे समस्त जिम्मेदारी शाला की होती है,जबकि विद्यालय प्रबंधन द्वारा इसमें जिम्मेदारी नहीं दिखाई जाती है।बच्चे को अनुशासित नहीं रख पाए रहा है।
जून से चल रहा खेल-कूद– नगर के आत्मानंद स्कूल परिसर में जून माह से खेल कूद चल रहा है।जून-जुलाई में युवा उत्सव,जिसके बाद राज्य खेल प्रतियोगिता,अक्टूबर में नवम्बर में शालेय क्रीड़ा प्रतियोगिता तथा वर्तमान में आत्मानन्द स्कूल का खेलकूद चल रहा है।इस सत्र केवल खेलकूद व अन्य गतिविधि में निकल रहा है।निजी स्कूल से इस विद्यालय में आये बच्चों का स्तर लगातार गिरते जा रहा है।शासन को इस विद्यालय में अन्य निजी स्कूलों की तरह केवल पढ़ाई में ही फोकस करना चाहिये, जिससे बच्चों को अच्छी शिक्षा प्राप्त हो सके।इस विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे अभी हिंदी मीडियम व अंग्रेजी मीडियम दोनों ही शिक्षा से दूर होते नजर आ रहे हैं।बच्चे न तो हिंदी सिख पा रहे हैं और न ही अंग्रेजी सिख पा रहे हैं।शासन को विद्यालय की स्थिति सुधारने के लिए जल्द ही कदम उठाना चाहिए।अनेक पालक पढ़ाई नहीं होने के कारण बच्चों को निकाल कर अन्य विद्यालयों में भर्ती करवा रहे हैं।
सीबीएसई लागू नहीं- आत्मानन्द स्कूल में cbse कोर्स लागू नहीं हो रही है।जबकि भर्ती के समय पालकों से यह बताकर भर्ती कराया गया था कि अगले वर्ष तक cbse कोर्स लागू हो जाएगा।लेकिन दो वर्ष बाद भी विद्यालय में सीजी कोर्स ही चल रहा है।आगे भी cbse कोर्स लागू होने की संभावना नहीं दिख रही है।इससे पूर्व sbse कोर्स के पढ़ रहे थे।बताया जा रहा है कि आत्मानन्द स्कूल द्वारा cbse कोर्स के लिए भेजा गया था,जिसे cbse मान्यता प्रदान नहीं किया गया है।”शासन के निर्देशानुसार शासकीय आयोजन व अन्य गतिविधि संचालित की जाती है।मैदान में खेलकूद की गतिविधियां संचालित की जाती है।”गीताराम साहू,प्राचार्य आत्मानन्द विद्यालय पंडरिया।