पंडरिया।ब्लाक अंतर्गत पूर्व माध्यमिक स्कूल कुंडा के छात्र-छात्राओं को रविवार को ऐतिहासिक स्थल पचराही,छीरपानी जलाशय,भोरमदेव व सरोधा जलाशय का भ्रमण कराया गया। शैक्षणिक भ्रमण के दौरान छात्र -छात्राएं सवर्प्रथम ऐतिहासिक स्थल पचराही पंहुँचे।जहां बच्चों ने पचराही में हुए खुदाई व उसमें प्राप्त अवशेषों का अवलोकन किया।

प्रधान पाठिका कुमुदिनी तिवारी,मोहन राजपूत ने बच्चों को पचराही खुदाई के दौरान निकले बसाहटों के संबंध में जानकारी दिया।साथ ही प्राप्त अवशेषों की जानकारी दी।बच्चों को पचराही के ऐतिहासिक महत्व बताते हुए प्राचीन सभ्यता के विकास तथा तात्कालीन गतिविधियों ,बसाहटों के संबंध जानकारी दी।हजारों वर्ष पूर्व के कला,संस्कृति तथा अन्य गतिविधियों से परिचित कराया गया।इसके साथ ही खुदाई व प्राकृतिक क्रियाओं भूकंप,ज्वालामुखी से होने वाले परिवर्तन के बारे में बताया गया।जिसके पश्चात बच्चे छीरपानी जलाशय पहुंचे।छीरपानी में शिक्षक सालिक यादव,कलीराम चन्द्राकर,प्रवीण तिवारी व राजेश सोनी ने जलाशय का महत्व बताया।शिक्षकों द्वारा जलाशय के महत्व को बताते हुए जल की विभन्न आवश्यकता को बताया गया।जलाशय निर्माण प्रक्रिया,जल स्त्रोत,उद्गम तथा इसके दोहन की जानकारी दी गई।

साथ ही जलाशयों व जल स्त्रोतों में होने वाले प्रदूषण व इसकी सुरक्षा की जानकारी दी गई।बच्चों को जलाशय में बने हेचरी व मछली पालन की जानकारी दी गई।जिसके पश्चात बच्चों को ऐतिहासिक व धार्मिक स्थल भोरमदेव मंदिर का दर्शन कराया गया।जहां शिक्षिका हँसलता धिरहि, गिरिजा पटेल,लव जायसवाल,अजय कुमार व दिनेश ने बच्चों को भोरमदेव मंदिर की ऐतिहासिकता की जानकारी दी।बच्चों को छत्तीसगढ़ का खजुराहो कहे जाने वाले भोरमदेव की प्राचीन जानकारी देते हुए फंणिनागवंशी राजाओं के युग के बारे में बने प्राचीन सभ्यता के कला की जानकारी दी गई।इसके अलावा अनेक पाश्चात्य सभ्यता के संबंध में बताया गया।अंत मे सरोधा जलाशय का भ्रमण के दौरान
सरोधा जलाशय स्थित उद्यान का अवलोकन कराया गया,जहां बच्चों ने खेलकूद के साथ पौधों के महत्व ,सुरक्षा व रखरखाव के संबंध में जानकारी प्राप्त की।बच्चों ने भ्रमण के दौरान अनेक ऐतिहासिक व रोचक जानकारी प्राप्त की।भ्रमण में बच्चों के साथ के अलावा समस्त कर्मचारी शामिल थे।
