पंडरिया रेड जोन में शामिल ,तेजी से गिर रहा भूजल स्तर,जलसंकट दूर करने बड़ी परियोजना की जरूरत,नदी में बैराज बनाने की आवश्यकता,नदी में कई एनीकट भी आवश्यक


पंडरिया-ब्लाक अंतर्गत सिंचाई की एक भी बड़ी परियोजना नहीं है।जिससे क्षेत्र के किसानों को सिचाई के लिए पानी मिल सके ।साथ ही क्षेत्र का जलस्तर बना रहे।बड़े बांध या सिचाई के साधन नहीं होने के कारण ब्लाक के अधिकतर गांवों में पेयजल कि समस्या उत्पन्न हो जाती है।वर्तमान में क्षेत्र ले अधिकतर हेण्डपम्प सुख चुके हैं।हाफ नदी व आगर नदी में कुछ एनीकट बनाये गए हैं,जिसमें गर्मी के दिनों में पानी ही नहीं रहता है,वहीं नहर निर्माण नहीं होने के कारण परियोजना अधूरी पड़ी हुई है।कुल मिलाकर देखा जाए तो दो बड़ी नदियों में एक भी सफल परियोजना नहीं है। रेड जॉन
क्षेत्र के ड्राई गांव– ब्लाक के अधिकांश गांव ड्राई क्षेत्र घोषित है।जहां मार्च महीने में ही हेण्डपम्प सुख जाते हैं।इसमें नवगांव हटहा, महली,पौनी,तिलई भाट, मोहतरा,नानापुरी,कोड़ापुरी,डबरी,नरौली,महका,बघर्रा सहित दो दर्जन गांव शामिल हैं।जहां गर्मी में लोगों को पेयजल नसीब नहीं होता है।


प्रमुख परियोजनाएं-ब्लाक अंतर्गत दुल्लापुर बाजार में आगर नदी में डायवर्सन बना है,लेकिन ऊंचाई अधिक होने के कारण नहर में पानी नहीं चढ़ता है।किलकिला नाले में बना एनीकट में भी नहर की ऊंचाई अधिक है,जिसके कारण पानी नहर में नहीं आता है।इसी तरह हाफ नदी में कुबा खुर्द व बनिया कुबा में डायवर्शन बना हुआ है।लेकिन नहर नहीं बना है,अधूरा निर्माण के बाद कार्य बंद पड़ा हुआ है।क्षेत्र के प्रायः सभी परियोजनाएं फेल हैं,साथ ही अपर्याप्त भी है।


बड़े बैराज से बढ़ सकता है जल स्तर– ब्लाक अंतर्गत गिरते हुए जल स्तर में सुधार व क्षेत्र के सिचाई सुविधा बढ़ाने के लिए बड़े बैराज बनाने की जरूरत है।वर्तमान में 43.81 करोड़ की राशि से बकेला में बकेला-क्रांति फीडर केनाल की स्वीकृति शासन द्वारा दी गई है,जिसमें पाईप लाइन बिछाकर योजना को फेल करने का षडयंत्र किया जा रहा है।उक्त स्थल में केवल ओपन केनाल बनाकर यदि बैराज का निर्माण किया जाएगा तो ब्लाक के सूखे क्षेत्र को जल की पूर्ति हो सकती है तथा जल संकट को दूर किया जा सकता है।जिस स्थान पर बकेला-क्रांति फीडर केनाल बनाया जाना है,उसके करीब 200 मीटर ऊपर नदी के दोनों तरफ ऊंची पहाड़ी है,जहां बैराज का निर्माण कराया जा सकता है।बैराज बनने से पानी की ऊंचाई को करीब 20 से 30 फिट ऊपर उठाया जा सकता है तथा तेज बहाव के साथ ब्लाक के दूरस्थ गांवों में पहुंचाया जा सकता है।शासन को बकेला -क्रांति फीडर केनाल के साथ बैराज बनाने पर विचार करना चाहिए।इस बैराज के बनने से क्षेत्र के सभी जलाशयों व तालाबों तक पानी पहुंचाई जा सकती है।


एनीकट की आवश्यकता-हाफ नदी के किनारे कुछ मैदानी गांवों में नदी के सुख जाने के कारण गांवों के हैंडपंप व ट्यूब वेल सुख गए हैं तथा जल स्तर निचे चला गया है।इन गांवों में एनीकट बनाकर यहां भूजल स्तर को बढ़ाया जा सकता है।हाफ नदी किनारे स्थित गांव मंझोली,देवपुरा,धोबघट्टी,नवगांव हटहा, डोमसरा, पिपरखुंटी,खरहट्टा में करीब 10 किलोमीटर के क्षेत्र में नदी पूर्ण रूप से सूखी होती है।जिनमे से यदि धोबघट्टी,डोमसरा, व खरहट्टा में एनीकट बना दिया जाए तो इन गांवों में जल स्तर में सुधार हो सकता है।डोमसरा कि इंद्रजीत सिंह ने बताया कि नदी सुख जाने के कारण गांव के आधे से अधिक ट्यूब वेल बंद हो गए हैं।तथा प्रायः सभी हेण्डपम्प सुख चुके हैं। 250 फिट तक बोर खुदाई के बाद भी पानी नहीं आ रहा है।
“बकेला -क्रांति फीडर केनाल के लिये ओपन केनाल की लाइनिंग कराई जा रही है।हाफ नदी में बैराज के लिए शासन के पास प्रस्ताव भेजा गया है।एनीकट के भी प्रस्ताव भेजे जा रहे हैं।”
एनके चौहान,कार्यपालन अभियन्ता, जल संसाधन विभाग कवर्धा।