कुपोषित बच्चो के लिए मिशाल बन रहा पंडरिया पोषण एवं पुनर्वास केंद्र


पंडरिया- ब्लाक में लगभग 3 लाख आबादी वाली जनसंख्या जहां रहन-सहन खाने-पीने का तरीका भिन्न-भिन्न है। इसी के साथ यहां पहाड़ी एवं जंगली क्षेत्र का मिश्रण है। जहां के निवासरत लोगों का पोषण पाने का स्त्रोत अलग-अलग है।इसी आबादी में 5 माह से 5 वर्ष बच्चों का वर्ग है। जिनके लिए बड़े होने के साथ-साथ सही आहार एवं पोषण जरूरी होता है। इसी कड़ी को पूरा करने हेतु नगर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मे एनआरसी अर्थात पोषण एवं पुनर्वास केंद्र स्थित एवं संचालित है। जहां गांव एवं शहर से ऐसे बच्चों को चिन्हित कर भर्ती किया जाता है,जो कुपोषण के शिकार होते हैं। इनका यहां उनकी माता के साथ रहते हुए,आहार एवं सुपोषण की व्यवस्था की जाती है।
ऐसे होता है कुपोषित बच्चों का चिन्हांकन -पूरे क्षेत्र में मितानिन, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं स्वास्थ्य कर्मी के द्वारा बच्चों को कुपोषण की स्थिति अर्थात मध्यम कुपोषण एवं गंभीर कुपोषण के तौर पर चिन्हाकन किया जाता है। वीएचएनडी सत्रो के दौरान इसे एक अभियान के रूप में लिया जाता है। ऐसे बच्चे जिनके पैरो मे सूजन,पसलियों की हड्डी दिखना, बटक का आकार एवं वजन में अती कमी को देखते हुए एन आर सी में भर्ती कराया जाता है।


प्रशासन का है इस पर विशेष ध्यान – बच्चों का सुपोषण राज्य सरकार की बहुत ही महत्वपूर्ण परियोजना रही है, जिसको सफल बनाने हेतु जिला कबीरधाम कलेक्टर जन्मेजय महोबे द्वारा विशेष ध्यान दिया जा रहा है।स्वास्थ्य विभाग के जिला प्रमुख मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एम.के. सूर्यवंशी के निर्देशन में पंडरिया में स्थित एन आर सी का संचालन किया जा रहा है, विकासखंड पंडरिया के बीएमओ डॉ स्वप्निल तिवारी द्वारा सभी मापदंडो एवं दिशा निर्देशों के साथ सुपोषण प्रदान करने के उद्देश्य से इसे संचालित किया जा रहा है।
माता एवं बच्चों को दी जाती है सभी सुविधाएं – यह एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, इसलिए यह इस योजना के अंतर्गत बच्चों के साथ-साथ माता को निशुल्क भोजन मनोरंजन हेतु टीवी की सुविधा के साथ-साथ आगंतुक बच्चों के लिए खेलकूद के साजो समान, जैसे खिलोने शिक्षा हेतु प्राथमिक स्तर के उपयोगी वस्तु की सुविधा दी जाती है। जिससे माताएं एवं बच्चे रुचि के साथ समय व्यतीत कर सके। यहाँ पर बच्चों को उम्र वजन तथा लंबाई के अनुसार आकलन कर पोषण युक्त भोजन फीडिंग डेमोंस्ट्रेटर के द्वारा दिया जाता है। इसके पश्चात ग्रोथ कर 15 दिन भरती के बाद उन्हें डिस्चार्ज कर दिया जाता है। इसी के साथ ही माता की प्रतिपूर्ति हेतु 15 दिन का 2250 रुपए उनके खाते में हस्तांतरित कर दिया जाता है। डिस्चार्ज के बाद भी घर जाने के पश्चात बच्चों हेतु डाइट चार्ट सिखाकर पोषण का ध्यान रखते हुए डाइट कैलेंडर भी प्रदान किया जाता है, माताएं बच्चों का ख्याल रख सके।
एन आर सी मे दिए जाने वाली स्वास्थ्य सुविधाएं– यहां पर बच्चों के साथ-साथ माता को भी निशुल्क स्वास्थ्य सुविधा दी जाती है, जैसे मलेरिया जांच टी बी हेतु मंटुक्स जांच, एच बी,शुगर, बीपी एवं अन्य जरूरत के अनुसार जाँच किया जाता है। जिससे की माता एवं बच्चों को सभी सुविधाओं का लाभ मिलने के साथ स्वस्थ सह सके।
सफल एन आर सी हेतु मापदंड अनुरूप परिणाम– यदि वर्ष का औसतन देखा जाए तो अप्रेल 2022 से अब तक 94 बच्चो का चिन्हाकन कर भर्ती किया गया था एवं सपोषित कर डिस्चार्ज कर दिया गया।जिसका बेड आकुपेन्सि रेट 95% रहा एवं रिकवरी रेट 93% रहा।इसके अलावा साथ मे शिशु सरंक्षण माह मनाया जा रहा है जिसमे 0 से 5 वर्ष के बच्चो को विटामिन ए का सिरप के साथ आई एफ ए सिरप प्रदाय किया जा रहा है।