राजकुमार सिंह ठाकुर
पंडरिया । नगर में एक मामला सामने आया जिसमें एक बालिका(उम्र लगभग 13-14 वर्ष) की है जो गुरुवार को बस स्टेंड पंडरिया में डरी सहमी सी घुम रही है। जो न तो किसी से बात करती है,न कुछ बोल पा रही है।बस शिशकते हुए एक टक किसी को भी देखती रहती है। जिसकी सूचाना पाकर तत्काल थाना से टीम रवाना होकर बस स्टैंड पंहुँचे, तो एक बालिका घबराई हुई बैठी मिली।जिसे पुलिस थाना पंडरिया की टीम थाना लाया गया तथा बालिका से बातचीत करने की कोशिश किया गया।जो काफी समय तक कुछ बताने से घबरा रही थी।फिर धीरे से डरी घबराई सी बोलना चालू कि जिसमें उससे नाम पता पूछने पर अपना नाम सध्या बाताई पिता का नाम पूछने पर पिता का नाम भिखू बताई गांव का नाम पटखोली बगान बताती है। माता-पिता को कुर्सी बुनने का काम करना बता रही है।उक्त बालिका कि बातों को ध्यान में रखकर तत्काल मामले की गंभीरता को देखते हुए ममले की जानकारी वरिष्ट अधिकारियोको देकर तथा पुलिस अनुविभागीय अधिकारी पंडरिया पंकज पटेल के मार्गदर्शन में पंडरिया पुलिस द्वारा बालिका की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सखी वन स्टाप सेंटर कवर्धा में महिला अधिकारी सउनि0 उमा उपाध्याय, आर.829 द्वारिका चंद्रवंशी, 442 प्रभाकर बंछोर, 959ओमप्रकाश के द्वारा दाखिला कराया गया।थाना प्रभारी दुर्गेश रावटे ने बताया कि उक्त बालिका को उसके परिजनो का पता किया जा रहा है। बालिका को उसके परिजनो से मिलाने का हर सम्भव प्रयास किया जा रहा है।जिससे बालिका को परिजनो का का साथ मिल सके।उक्त कार्यवाही में सउनि0 उमा उपाध्याय, आर.829 द्वारिका चंद्रवंशी, 442 प्रभाकर बंछोर, 959ओमप्रकाश का विशेष योगदान रहा।