Paris Olympic
पेरिस ओलंपिक की शुरुआत होने में अब कुछ ही समय शेष रह गया है और भारतीय एथलीट इसके लिए पूरी तरह तैयार हैं। भारत ने टोक्यो ओलंपिक में अच्छी सफलता हासिल की थी और देश को उम्मीद है कि एक बार फिर भारतीय खिलाड़ी तिरंगे की शान बढ़ाएंगे। भारत ने पहली बार ओलंपिक में वर्ष 1900 में हिस्सा लिया था जहां नॉर्मन प्रिचर्ड ने 200 मीटर स्प्रिंट और 200 मीटर बाधा दौड़ में रजत पदक जीते थे। भारत का पदक के मामले में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन टोक्यो 2020 में रहा जहां टीम ने एक स्वर्ण सहित कुल सात पदक जीते थे।

ओलंपिक में 26वीं बार उतरेगा भारत
भारत 26वीं बार ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेगा। हालांकि, उसने 20 बार भारतीय झंडे तले इन खेलों में हिस्सा लिया है। इस बार भारत के 111 एथलीट पदक के लिए जोर लगाने उतरेंगे। टोक्यो ओलंपिक में कुल 124 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था और पिछली बार की तुलना में इस संख्या में गिरावट आई है। अपने पहले पांच ओलंपिक में भारत ब्रिटिश राज के अंतर्गत खेला था। पेरिस ओलंपिक का आयोजन 26 जुलाई से होना है।
ओलंपिक इतिहास की बात करें, तो भारत के नाम अब तक कुल 35 पदक हैं। इनमें 10 स्वर्ण, नौ रजत और 16 कांस्य पदक शामिल हैं। सबसे ज्यादा आठ स्वर्ण पदक भारत की हॉकी टीम ने जीते हैं। देश के नाम व्यक्तिगत स्पर्धा में दो गोल्ड हैं, जो अभिनव बिंद्रा ने 2008 के बीजिंग ओलंपिक के दौरान निशानेबाजी और टोक्यो 2020 में नीरज चोपड़ा ने भाला फेंक में जीता है। सबसे बेहतरीन ओलंपिक अभियान की बात करें, भारत ने 2012 लंदन आलंपिक को पीछे छोड़ते हुए टोक्यो ओलंपिक में सात पदक अपने नाम किए थे जो उसका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा था। इससे पहले लंदन में भारत के नाम कुल छह पदक थे।
छह ओलंपिक में खाता भी नहीं खुल सका
भारत ने अब तक 25 ओलंपिक में हिस्सा लिया है। इसमें से छह ओलंपिक में एक भी पदक नहीं जीत सका। भारत ने 1920, 1924, 1976, 1984, 1988 और 1992 ओलंपिक खेलों में एक भी पदक नहीं जीता था। 1896 से मॉडर्न ओलंपिक गेम्स आयोजित हो रहे हैं। तब से दुनिया ने अमेरिका, सोवियत संघ, ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, जर्मनी, इटली और जापान जैसे देशों को महाशक्ति के तौर पर देखा।