बलराम यादव
पाटन। ब्लॉक के विभिन्न ग्रामों में केंद्र और राज्य सरकार द्वारा अलग अलग मद से यात्री प्रतीक्षालय बनाया गया है। इन यात्री प्रतिक्षालय में जब से निर्माण हुआ है तब यात्री तो उपयोग नहीं करते अलबत्ता ये असामाजिक तत्वों का डेरा जरूर बन गया है। कई जगह तो पूरा का पूरा यात्री प्रतीक्षालय ही उखड़ गया है। वही कई जगह की कुर्सी टूट गई है। घटिया निर्माण की भेंट चढ़ गई है पाटन ब्लॉक का लगभग सभी यात्री प्रतीक्षालय।
पाटन ब्लॉक में तात्कालिक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कई गांवो में यात्री प्रतिक्षालय बनाने के लिए राशि स्वीकृत किया था। इसी तरह से सांसद विजय बघेल के सांसद मद से भी बहुत से गांवो में यात्री प्रतीक्षालय बनाने के लिए राशि स्वीकृत किया गया था। पाटन ब्लॉक के लगभग सभी ग्रामों में यात्री प्रतिक्षालय का निर्माण तो हुआ है। लेकिन इसका उपयोग ही नही हो पा रहा है। जानकारी के मुताबिक यात्री प्रतीक्षालय बनाने के लिए ब्लॉक के आधे से अधिक गांवों में जगह का चयन किया गया था कहा बिल्कुल भी सही नही था। बस राशि आया है उसे खर्च करने की नियत से यात्री प्रतिक्षालय का निर्माण कराया गया है। वही कुछ जगह पर जगह तो सही चयन किया था लेकिन घटिया निर्माण को भेंट चढ़ जाने के कारण यात्री प्रतीक्षालय साल भर भी नही टिक पाई। जानकारी के मुताबिक जो ठेकेदार इनको बनाए है वहा तो पहले के यात्री प्रतीक्षालय जो बना था उसका ही समान अन्य जगह बनाने के लगा दिया है। बहरहाल सभी जगह का निर्माण का भुगतान तो हो गया है। लेकिन अब टूट फिर, जर्जर यात्री प्रतीक्षालय की तरफ ध्यान देने वाला कोई नहीं है। यही कारण है की को बची हुई सामग्री है उन पर भी चोरों को नजर बनी हुई है।

भ्रष्टाचार का खुला नमूना है यात्री प्रतीक्षालय
पाटन ब्लॉक के विभिन्न ग्रामों में जो भी प्रतीक्षालय बनी हुई है उसमें किस तरह से भ्रष्टाचार हुआ है इसका अंदाजा यात्री प्रतीक्षालय की स्थिति को देखकर लगाया जा सकता है। लगभग सभी जगह पर यात्री प्रतीक्षालय की कुर्सियां लगते ही टूटनी शुरू हो गई थी।। वहीं घटिया क्वालिटी की टाइल्स लगाया गया था। टाइल्स लगाने में भी काफी लापरवाही बरती गई थी । यही कारण है कि एक तरफ तो टाइल्स लगते थे वहीं दूसरी तरफ दूसरे दिन टाइल्स का टूटना शुरू हो जाता था। यात्री प्रतीक्षा में जो स्टील की रोलिंग लगाई गई थी वह भी काफी निम्न स्तर का है । जिसके कारण वह भी ज्यादा भार सहन न कर पाए और टूटना भी शुरू हो गया। स्टील की कुर्सियां भी लगभग आधे से ज्यादा यात्री प्रतीक्षालय का टूट चुकी है। इन यात्री प्रतीक्षालय में अब ना तो कोई जाते हैं और नहीं इनकी संधारण पर किसी का ध्यान है। यही कारण है कि यात्री प्रतीक्षालय सफेद हाथी साबित हो रही है।। इन यात्री प्रतीक्षा की कई जगह छप्पर भी उड़ चुके हैं ।।
असमाजिक तत्वों का डेरा रहता है
यात्री प्रतीक्षालय का उद्देश्य यात्रियों के लिए था ताकि वे अपनी बस का इंतजार इस जगह पर खड़ा होकर कर सके।। बरसात और धूप से बच सके। इस कारण यात्री प्रतीक्षालय का निर्माण कराया गया था। लेकिन अब इन पर असामाजिक तत्व का डेरा लगा हुआ है।। जगह का चयन उचित स्थान नहीं करने के कारण यात्रियों के द्वारा इसका उपयोग नहीं किया जाता अलबत्ता अब यहां पर अवैध शराब पीने वाले, गांजा पीने वाले युवा मन चलो लड़कों का जमावड़ा रहता है।