पाटन। शासकीय चंदूलाल चंद्राकर स्नातकोत्तर महाविद्यालय पाटन में दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार आज से प्रारंभ हुआ। इस सेमिनार का विषय है:- कंटेंप्ररी इशूज़ इन इमरजिंग एरिया ऑफ कॉमर्स (वाणिज्य के क्षेत्र में उभरते समसामयिक मुद्दे)। कार्यक्रम का प्रारंभ माँ सरस्वती की प्रतिमा और छत्तीसगढ़ महतारी की पूजा तथा राजगीत के गायन से प्रारंभ हुआ। इस उद्घाटन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ अनिल कुमार धगट (कुलपति, श्री कृष्णा विश्वविद्यालय छतरपुर, म.प्र.) थे, और संरक्षक महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ शोभा श्रीवास्तव थे। राष्ट्रीय सेमीनार के प्रारंभ में डॉ शोभा श्रीवास्तव ने आमंत्रित अतिथियों का स्वागत करते हुए विभिन्न कॉलेज एवं विश्वविद्यालय के शोध निर्देशकों एवं शोध छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत में आर्थिक उदारीकरण के पश्चात भारतीय संस्कृति और समाज में कई परिवर्तन हुए हैं। ये परिवर्तन विघटन की दिशा में ना होकर रचनात्मक दिशा में हो, इसका ध्यान रखना है।
इसके पश्चात अरिंदम गोस्वामी (CMA) ने वाणिज्य में आर्टिफिशीयल इंटेलीजेंस के उपयोग से देश के वाणिज्य और आर्थिक क्षेत्र में उत्पन्न हुए अवसरों के साथ ही अन्तर को भी चिन्हित किया। मुख़्य अतिथि कुलपति, डॉ धगट जी ने भारतीय व्यापार एवं वाणिज्य के विभिन्न क्षेत्रोँ में आये हुए बदलाव को रेखांकित किया। आपने, लोगों को परम्परागत एवं आधुनिक वाणिज्य व्यवस्था से परिचित होने की आवश्यकता बताई। आपने, भारत की अर्थव्यवस्था को निकट भविष्य में विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होने की आशा व्यक्त की। इस अवसर पर डॉ अरविंद सुराना, डॉ तपेश गुप्ता (विभागाध्यक्ष, छत्तीसगढ़ कॉलेज रायपुर), डॉ सुरेन्द्र कुमार अग्रवाल (उप प्राचार्य, दुर्गा कॉलेज रायपुर) थे। सेमीनार के संयोजक डॉ गौरव शर्मा ने इस सेमीनार में आमंत्रित अतिथियों के समक्ष सेमीनार के उपविषय के बारे में बताया। प्रथम तकनीकी सत्र में सर्वप्रथम कल्याण कॉलेज की कु खुशबू पटेल शोध छात्रा (डॉ हरीश कश्यप) ने बैंकों के विलीनीकरण संबंधी अपने शोध कार्य पर चर्चा करते हुए इसकी सार्थकता व्यक्त की। डॉ अरविंद सुराना ने आय के स्त्रोत पर आयकर कटौती पर चर्चा की। आपने टीडीएस और टीसीएस के अन्तर को स्पष्ट किया। आपने आगे बताया कि करदाताओं को वित्तीय वर्ष में आयकर अदा करने के बाद ई-रिटर्न भर देना चाहिए। व्यक्ति को सही पैन नम्बर और आधार से लिंक पैन नम्बर देना चाहिए। गलत पैन नम्बर पर पेनाल्टी का प्रावधान है। कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए डॉ तपेश चंद्र गुप्ता ने प्रारंभ में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से उपभोक्ताओं को चिन्हित करने के बारे में बताया। आपने बताया कि व्यवसायी को बाजार में मांग को पहचानने की क्षमता होनी चाहिए। छ.ग. के विशेष संदर्भ में आपने बताया कि धान के बाद खाली खेतों में दलहन, तिलहन और वैकल्पिक उपज को अपनाना चाहिए, जिससे किसानों की आय बढ़े तथा किसानों की आर्थिक प्रगति सुनिश्चित हो। द्वितीय तकनीकी सत्र के अध्यक्ष डॉ सुरेन्द्र अग्रवाल, डॉ शशि कश्यप थे शोधार्थी हँसा शर्मा ने ई कामर्श पर अपना शोध पत्र प्रस्तुत किये, इसके अतिरिक्त चंदन कुमार, धीरेन्द्र जायसवाल शुभम भारद्वाज ने भी शोध पत्र का वाचन किया।

- January 23, 2024