“पंडरिया में विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में मलेरिया रोधी पौधों का वृक्षारोपण”

पंडरिया- विकासखंड के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में एक अनूठी पहल की शुरुआत की गई है। मंगलवार को नगर के स्वास्थ्य केंद्र में पौधारोपण किया गया ।इसी के साथ ही कुकदुर में मलेरिया रोधी एवं मच्छर रोधी पौधों का वृक्षारोपण किया गया।वृक्षारोपण में मुख्य रूप से, करंज, नीम,नींबू और शीशम के पौधे लगाए गए। ये पौधे न केवल मच्छरों को भगाने में सहायक हैं, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।


कार्यक्रम में पंडरिया विधानसभा विधायक भावना बोहरा ने मुख्य अतिथि के रूप में कुकदुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पौधे रोपित किया । जिसमे उनके साथ कई अन्य सामाजिक जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे।श्रीमती बोहरा ने इस अवसर पर कहा कि “यह पहल न केवल मलेरिया जैसी बीमारियों से लड़ने में मदद करेगी, बल्कि हमारे स्वास्थ्य केंद्रों के परिसर को भी हरा-भरा और स्वच्छ बनाएगी और जन जागरूकता हेतु आवश्यक होगी ।”


यह पहल पंडरिया क्षेत्र में स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने का एक सराहनीय प्रयास है। उम्मीद है कि इस तरह के कार्यक्रम भविष्य में भी जारी रहेंगे और इनका विस्तार अन्य क्षेत्रों में भी किया जाएगा।
वृक्षारोपण गतिविधि केंद्र के बाहर एवं प्रांगण में की जा रही है, जो दर्शाता है कि इस पहल का उद्देश्य स्वास्थ्य सुविधाओं के आसपास के वातावरण को सुधारना है। यह न केवल मच्छर नियंत्रण में मदद करेगा, बल्कि मरीजों और स्टाफ के लिए एक अधिक सुखद वातावरण भी बनाएगा।स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि क्षेत्रों में नीम, करंज, नीबू, तुलसी, शीशम एवं अन्य मछर रोधी तरह के पौधे लगाये गए हैं। इन्हे लगाने से मच्छरों की संख्या में कमी आएगी, जो मलेरिया के प्रसार को रोकने में सहायक होगा। साथ ही, ये पौधे वातावरण को शुद्ध करने में भी मदद करेंगे।


“वृक्षारोपण कार्यक्रम में एक विविध समूह ने भाग लिया, जिसमें स्थानीय अधिकारी, स्वास्थ्य कर्मचारी, पर्यावरण सरक्षण समिति पंडरिया और जन समुदाय के सदस्य शामिल थे।
इस तरह के सामुदायिक-केंद्रित दृष्टिकोण से पता चलता है कि स्थानीय नेतृत्व स्वास्थ्य और पर्यावरण के मुद्दों को गंभीरता से ले रहा है। इन महत्वपूर्ण पहलों में समुदाय की भागीदारी को प्रोत्साहित कर रहा है। कार्यक्रम में विभिन्न आयु वर्ग व पेशे के लोग शामिल हैं, जो इस बात का संकेत है कि स्वास्थ्य और पर्यावरण संरक्षण सामूहिक प्राथमिकता बन रहे हैं।


विशेष रूप से, स्थानीय स्वास्थ्य कर्मियों की सक्रिय भागीदारी उल्लेखनीय है। उनकी उपस्थिति इस बात को रेखांकित करती है कि यह पहल केवल एक सांकेतिक कार्यक्रम नहीं है, बल्कि स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं द्वारा गंभीरता से लिया जा रहा एक दीर्घकालिक प्रयास है।