पाटन
भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के प्रदेश प्रशिक्षण प्रमुख और रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष सुरेन्द्र साहू ने कांग्रेसी नेता मंडी बोर्ड दुर्ग के अध्यक्ष अस्वनी साहू के बयान पर प्रतिक्रिया दी है कि अश्वनी साहू कांग्रेसी विचारधारा होने के कारण साहू समाज के माध्यम से भाजपा को कोसने का काम करते है यदि अश्वनी साहू वास्तविक रूप से साहू समाज के हितैषी है तो पूर्व में जो सामाजिकजनों के साथ घटनाएं हुई थी तब कहा थे।
पाटन विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के इशारे पर काम करने वाले अश्वनी साहू जी को आज समाज हित याद आ रही है,वास्तव में वह समाज की आवाज बनने नही बल्कि राजनीति करने के लिए जमीन तलास रहे है।किसी कारण से यदि आज भाजपा में जनपद अध्यक्ष और उपाध्यक्ष दोनो एक ही समाज से बनाए होंगे ये पार्टी की आंतरिक विषय है।पर अश्वनी साहू जी को स्वयं आंकलन करना चाहिए कि वे साहू समाज और कांग्रेस में पहली प्राथमिकता किसको देते गए है।
पाटन में जब भाजपा मोतीलाल साहू जो टिकट दी तब समाज के व्यक्ति को जिताने अपील क्यो नही की गई,जबकि उस समय मोतीलाल साहू जी तो साहू समाज के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष थे।प्रदेश के सबसे बड़े विश्वविद्यालय में साहू समाज और ओबीसी वर्ग से पहले छात्रसंघ अध्यक्ष सुरेन्द्र साहू निर्वाचित हुए तब स्वयं तहसील अध्यक्ष रहते हुए क्या उन्हें सम्मानजन स्थान दिए।क्या भाजपा वैचारिक होने के कारण समाज मे उन्हें महत्व नही दिया जाता था।श्रीमती दिव्या कालिहारी जिला पंचायत चुनाव लड़ी तब समाज मे अश्वनी साहू जी ने क्यो अपील नही की ।
भाजपा ने हमेशा साहू समाज के लोगो को महत्व दिए है स्व.ताराचंद साहू जी से बड़ा उदाहरण और कोई हो नही हो सकता आज साहू समाज का बेटा अरुण साव प्रदेश के उपमुख्यमंत्री है तो केवल भाजपा के कारण ही सम्भव हुवा।कांग्रेस में आदरणीय ताम्रध्वज साहू जी को मुख्यमंत्री क्यो नही बनाए समाज को बतानी चाहिए।इससे साफ है कि आज जो बयान आया है वास्तव में सामाजिक नही बल्कि कांग्रेसी मानसिकता के कारण यह राजनीतिक बयान है।
यदि वास्तविक सामाजिक हित चिंतक है तो अगले विधानसभा में कांग्रेस पार्टी से साहू समाज के किसी भी व्यक्ति को पार्टी से टिकट दिलाए और सिद्ध करे की वे वास्तविक सामाजिक हितचिंतक है।केवल राजनीति के लिए साहू समाज का उपयोग करना अच्छा विषय नही है।राजनीतिक घटनाक्रम में समाज को आगे रखकर राजनीति नही करना चाहिए ।अस्वनी साहू का बयान हास्यस्पद है।समाज और राजनीति दोनो अलग अलग कार्यक्षेत्र है।समाज मे राजनीति और राजनीति में समाज को लाना केवल स्वार्थसिद्धि के लिए है।राजनीति सत्ता का केंद्र बिन्दु है और समाज सेवा का केंद्र होनी चाहिए।
