अपनी ही जमीन को पाने भटक रहा गरीब परिवार, तहसीलदार, एसडीएम और कमिश्नर के आदेश के बाद भी जमीन का नही मिल पा रहा कब्जा, पाटन ब्लॉक के ग्राम जामगांव एम का मामला



पाटन। पाटन ब्लाक के ग्राम जामगांव एम में एक गरीब परिवार अपने ही जमीन पर कब्जा पाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। आलम यह है कि तहसीलदार, एसडीएम से लेकर कमिश्नर ऑफिस का कई बार रास्ता नाप चुके परिजन अब थक गए हैं। यही नहीं कई बार प्रकरण में सुनवाई हुई और इस गरीब परिवार के पक्ष में आदेश भी जारी हुआ लेकिन अभी तक राजस्व विभाग इनको कब्जा नहीं दिला पाए। कब्जा लेने के लिए वे दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं। कभी राजस्व विभाग का बाबू इनको टाल देते हैं तो कभी राजस्व के बड़े अधिकारी इनको आदेश देने के नाम पर घंटो कार्यालय में बैठाकर रखते है। बुधवार को परस राम देवांगन ने पत्रकारों से चर्चा में बताया कि वे अब राजस्व विभाग का चक्कर लगाते लगाते थक गए है। अब उनके पास जो कुछ संपत्ति था वह भी कोर्ट के चक्कर लगाकर समाप्त हो गया है। अब कुछ बचा नहीं है। वे अब असमंजस की स्थिति में है कि आगे क्या करें।

प्राप्त जानकारी के अनुसार ग्राम जामगांव एम में रहने वाले परसराम देवांगन पिता प्रहलाद राम देवांगन के द्वारा कलेक्टर दुर्ग को जनदर्शन में आवेदन दिया गया है कि ग्राम के ही एक व्यक्ति बाहला प्रसाद चंद्राकर पिता कामदेव चंद्राकर के द्वारा उनके जमीन में कब्जा कर लिया गया है। जिसको हटाने के लिए तहसील कार्यालय पाटन में आवेदन दिया था। तहसील कार्यालय पाटन के राजस्व न्यायालय द्वारा परस राम के पक्ष में फैसला 29 अप्रैल 2022 को आदेश पारित किया गया । इसके बाद बाहला चंद्राकर द्वारा परस राम की जमीन से कब्जा नहीं हटाया गया। वहीं इसके बाद बाहला प्रसाद चंद्राकर के द्वारा न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी पाटन जिला दुर्ग में 27 मई 2022 को अपील पेश किया गया। न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी पाटन के द्वारा 5 दिसंबर 2022 को परस राम के पक्ष में आदेश पारित किया गया किंतु इसके बाद भी राजस्व विभाग परसराम देवांगन को उनके जमीन का कब्जा नहीं दिला पाया। वहीं अब इसके बाद बाहला प्रसाद चंद्राकर के द्वारा न्यायालय आयुक्त दुर्ग संभाग में अपील किया गया। न्यायालय द्वारा 31 मई 2023 को परसराम देवांगन के पक्ष में आदेश पारित किया गया।। किंतु आज तक परसराम देवांगन को जमीन नहीं मिल पाया । परस राम देवांगन व उसके परिवार न्यायालय का चक्कर लगाते लगाते थक गए हैं । उन्होंने कलेक्टर से मांग किया है कि जाम गांव एम तहसील पाटन जिला दुर्ग की भूमि खसरा क्रमांक 232/3 रकबा 0.14 हेक्टेयर काश्तकारी भूमि से बाहला प्रसाद चंद्राकर को बेदखल कर उसे हक दिलाया जाए।

थाना में भी दिया आवेदन
जब राजस्व न्यायालय का फैसला परस राम के पक्ष में आया उसके बाद परस राम ने अम्लेश्वर थाना में कोर्ट के आदेश की प्रति के साथ जमीन पर कब्जा दिलाने के लिए आवेदन दिया। लेकिन थाना द्वारा भी कब्जा नहीं दिला पाया।

बाहला के जगह आनंद चंद्राकर जाते है कोर्ट में
परस राम देवांगन ने पत्रकारों को बताया की जब जब भी कोर्ट में पेश होने का समय होता उस समय बाहला प्रसाद चंद्राकर द्वारा उसके भाई आनंद चंद्राकर ही कोर्ट में जाते है। परस राम ने बताया की वे दस्तखत भी स्वय करते है। इस पर भी राजस्व विभाग अभी तक संज्ञान नहीं लिया।

अब सीधे मुख्यमंत्री से लगाएंगे गुहार
परस राम देवांगन ने बताया की अपनी ही जमीन का कब्जा लेने के लिए कई साल कोर्ट का चक्कर लगा चुके है। सभी जमा पूंजी इसी में लग गया है। अब सिर्फ मुख्यमंत्री के पास आवेदन देना शेष रह गया है। परस राम ने बताया की मुख्यमंत्री से गुहार लगाएंगे की उसको न्याय दिलाए। अगर इसके बाद भी उन्हें उनके हक के जमीन पर कब्जा नहीं मिला तो वे आगे कोई बड़ा कदम उठाने मजबूर हो जाएंगे।