इसी तरह पांडुरंग बापट,रानी लक्ष्मीबाई की हमशक्ल झलकारी बाई तथा अन्य नायकों पर सार्थक प्रस्तुति प्रतिभागियों द्वारा दिया गया।
अमर शहीदों को पुनः याद कर स्वतंत्रता के मूल्य को रेखांकित करने व योगदान को यादगार बनाने का प्रयास हेमचंद यादव विश्वविद्यालय दुर्ग के कुलपति डॉ अरुणा पल्टा, कुलसचिव श्री भूपेंद्र कुलदीप एवं डॉ प्रशांत श्रीवास्तव जी का प्रयास सफल रहा है। इससे आज की युवा पीढी स्वंतंत्रता के अज्ञात नायक के संघर्ष से वाकिफ होगें और स्वतंत्रता के मूल्य को समझ पाएगें। आमजन में देशप्रेम की भावना जगाने की यह एक अनूठा पहल रहा ।