अंडा। प्रधानपाठक की विदाई समारोह शास. पूर्व माध्य शाला बोरई रसमड़ा के प्रधानपाठक सेवक राम चन्द्राकर आज अपनी सेवाकाल की अर्द्धवार्षिकीय आयु पूर्णकर सेवानिवृत्ति हो गये। शाला परिवार ने एवं संकुल के शिक्षकों उनके सेवाकाल पूर्ण करने पर अतिथि के रूप में सरपंच ममता साहू सरपंच ग्राम पंचायत रसमड़ा एवं विशेष अतिथि के रूप में शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष रमाकांत साहू रहे, अतिथियों ने प्रधानपाठक चन्द्राकर के द्वारा शाला विकास में किए गए उल्लेखनीय कार्यों का जिक्र किया। शाला में भौतिक संसाधन उपलबध कराने के साथ-साथ शाला के बच्चों के बहुमुखी विकास के लिए कार्य किया। बच्चों को संस्कारवान बनाने में उनकी अहम भूमिका रही। इस अवसर पर सरपंच ममता साहू ने प्रधानपाठक के द्वारा किए कार्य की सराहना करते हुए कहा कि शिक्षक कभी रिटायर नहीं होता, एक मार्गदर्शक के रूप में समाज को दिशा देने का कार्य करता है शिक्षक सृजनकर्ता होता है, कच्चे मिट्टी को तराशता है। चन्द्राकर शाला के बहुमुखी विकास के लिए सदैव समर्पित रहे और अपने कार्य से शाला में एक अलग पहचान बनायी। शाला के बच्चों ने सर को सर आखों पर बिठाया, अधिक संख्या में उपस्थित होकर सम्मान व उपहार दिए।

प्रधानपाठक ने मेधावी छात्र-छात्राओं को अपने तरफ से पुरस्कार प्रदान किए तथा उत्कृष्ट छात्र सम्मान एवं उत्कृष्ट उपस्थिति सम्मान तीन छात्रों को प्रदान कर सम्मान किए एवं उपहार भेंट किए प्राथमिक शाला एवं पूर्व प्राथमिक शालाओं के शिक्षकों ने अपने विचार रखे एवं चन्द्राकर सर को सहसम्मान उपहार भेंट किए प्रधान पाठक चन्द्राकर ने अपने उद्बोधन में कहा शिक्षक शब्द में सम्मान छिपा होता है शिक्षक सदैव बच्चों के भविष्य बनाने के लिए संस्कार देने के लिए तत्पर रहते है। अपने बच्चों के समान शाला के बच्चों को ही एक समान शिक्षा प्रदान करते है। बच्चों की उपलब्धि ही शिक्षक का पुरस्कार होता है। माता पिता पहले संस्कार देते हैं फिर गुरु के द्वारा बच्चों को संस्कार मिलता है तब बच्चों को भविष्य उज्जवल होता है। बच्चे अपनी लगन व मेहनत से ही आगे बढ़ते है, और माता पिता को गर्व महसूस कराते है इस अवसर पर ग्राम के बच्चों के माता पिता अधिक संख्या में उपस्थित रहे और बच्चों के साथ उन
लोगों ने भी अपने पूज्य गुरू के लिए अपने अपने विचार रखे स्टाफ सदस्यों ने प्रधान पाठक चन्द्राकर के कार्य की पुरी-पुरी प्रशंसा की उन्होने कहा कि हमें चन्द्राकर सर से बहुत सीखने को मिला जो हमारे जीवन के लिए बहुमूल्य है एक मार्गदर्शक के रूप में हमे हर समय गंभीर होकर सीखाने का कार्य किया आज हम उन्हे बिदाई देते हुए अत्यन्त दुख हो रहा है। इस अवसर पर संकुल रसमड़ा के प्रधानपाठक भरोसाराम साहू, छेदूराम सोनी, सुनीता पोयाम, कमलेश्वरी भीमरे, भारती पटेल उपस्थित थे। इसके साथ ही भागवत साहू भूतपूर्व छात्रगण एवं शाला प्रबंधन समिति के सदस्यगण उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन शिक्षिका ममता साहू एवं आभार प्रदर्शन प्रभारी प्रधानपाठिका कमलेश्वरी भीमरे ने की।