नेताजी सुभाष कॉलेज और नंदनवन जंगल सफारी द्वारा जन जागरूकता रैली और शैक्षणिक भ्रमण का आयोजन

अभनपुर।  वन्यजीव संरक्षण सप्ताह 2024 के अंतर्गत आज नंदनवन जंगल सफारी और नेताजी सुभाष कॉलेज के संयुक्त तत्वाधान में अभनपुर में जन जागरूकता रैली का आयोजन किया गया। रैली में नेताजी सुभाष कॉलेज के 160 विद्यार्थी, शिक्षकगण, और नंदनवन जंगल सफारी की जू शिक्षा टीम एवं 10 स्टाफ सदस्य शामिल हुए। यह रैली अभनपुर बस स्टैंड से शुरू होकर अभनपुर बस्ती तक निकाली गई, जिसमें वन्यजीव संरक्षण, पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता से संबंधित नारे लगाए गए।

जंगल सफारी के संचालक धम्मशील गणवीर ने बताया कि वन्यजीव संरक्षण सप्ताह के तहत नंदनवन जंगल सफारी की जू शिक्षा टीम और युवान वालंटियर्स टीम द्वारा विभिन्न जन-जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें आज की रैली मुख्य कार्यक्रमों में से एक थी। इस रैली के माध्यम से स्थानीय समुदाय में वन्यजीव संरक्षण, पर्यावरणीय सुरक्षा और स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रयास किया गया।

रैली के पश्चात, नेताजी सुभाष कॉलेज में एक सभा कक्षा का आयोजन किया गया, जिसमें जू एजुकेशन टीम के चन्द्रमणी साहू, उपेंद्र साहू और पुष्पेंद्र कश्यप ने वन्यजीव संरक्षण पर अपने विचार प्रस्तुत किए। वक्ताओं ने वन्यजीव संरक्षण की विधियों, पर्यावरणीय स्वच्छता और जैव विविधता के महत्व पर विस्तार से चर्चा की। इस कार्यक्रम का संचालन नेताजी सुभाष कॉलेज के विभाग प्रमुख डॉ. वरुण यादव ने किया, जिन्होंने विद्यार्थियों और शिक्षकों के साथ संवाद स्थापित करते हुए कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संचालन किया।

इसके बाद, नेताजी सुभाष कॉलेज के विद्यार्थियों ने नंदनवन जंगल सफारी का शैक्षणिक भ्रमण किया। इस भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों को जंगल सफारी में पाए जाने वाले विभिन्न वन्यजीवों, पेड़-पौधों, कीट-पतंगों और उनसे संबंधित जैव विविधता के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। विशेष रूप से छत्तीसगढ़ में पाए जाने वाले विषैले और विषहीन सर्पों के बारे में गहन जानकारी प्रदान की गई। विद्यार्थियों ने सर्पों के आवास और उनकी पहचान के बारे में अध्ययन किया। साथ ही, सर्पों को सुरक्षित तरीके से हैंडल करने और स्नेक रेस्क्यू प्रक्रिया के बारे में भी जानकारी दी गई, जिसमें विद्यार्थियों ने विशेष उत्सुकता दिखाई।

यह शैक्षणिक भ्रमण विद्यार्थियों के लिए काफी महत्वपूर्ण अनुभव रहा, जिससे उन्हें वन्यजीव संरक्षण, पारिस्थितिकी संतुलन और पर्यावरणीय सुरक्षा के महत्व को समझने का अवसर मिला।