जर्जर पंचायत भवन में बैठने के लिए ग्राम पंचायत पांवद्वार के  जनप्रतिनिधि मजबूर



नगरी/सिहावा, बेलरगांव.।एक कहावत है ‘ दिया तले अंधेरा होना’ यह बात चरितार्थ हो रही है धमतरी जिले के नगरी विकासखंड अंतर्गत बेलरगांव तहसील स्थित ग्राम पंचायत पॉवद्वार के जर्जर पंचायत भवन की।
जी हां पंचायत भवन एक ऐसा स्थल होता है जहां जनप्रतिनिधि और ग्रामीण बैठकर गांव की विकास की नई इबारत लिखते है, इस जगह पर ही बैठकर लोगो को पक्का मकान देने के लिए प्रस्ताव किया जाता हैं लेकिन जिस जगह से प्रस्ताव किया जाता है वह भवन ही कच्चा और जर्जर हो तो फिर क्या कहना।
ग्राम पंचायत पांवद्वार के भवन इतनी जर्जर हो चुकी है कि कभी भी भर भराकर गिर सकती है। ग्राम पंचायत पांवद्वार के सरपंच राकेश नेताम ने बताया कि यह भवन लगभग 50 वर्ष पूर्व निर्मित है जो कवेलु और खपरैल से बना हुआ कच्चा मकान है। इस भवन की दीवारों पर बड़ी बड़ी दरारें आ गई है, भवन में लगे लकड़ियां पूरी तरह सड़ चुकी है, फर्श उखड़ रहा है, बारिश में छत से पानी टीपकती है।
इस खपरैल युक्त टूटे फूटे कच्चे भवन में ग्राम पंचायत की बैठक और ग्रामसभा भी आयोजित किया जाता है, साथ ही सरपंच, सचिव एवं अन्य कर्मचारीगण आम जनता की समस्याओं के समाधान के लिए प्रतिदिन उपस्थित रहते हैं वहीं दूसरी ओर इस बात का भी मन में डर बना रहता है कि कहीं यह जर्जर भवन अचानक न गिर जाए जिससे किसी अनहोनी की आशंका भी बनी रहती है।
ग्राम पंचायत के सरपंच राकेश नेताम, पंच शोभराय नेताम, सेवाराम बघेल, चेतन यादव, ग्राम पटेल गिरधर देव, रिखी राम देवांगन, कमलेश यादव, टिकेश कोर्राम सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि जब जब जिले के आला अधिकारियों का दौरा यहां होता है तब तब इस भवन की दुर्दशा से उन्हें अवगत कराया जाता है लेकिन आश्वासन के अलावा और कुछ नही मिलता।
इस संबंध में जनपद पंचायत नगरी के अध्यक्ष महेश गोटा ने बताया कि मुझे भी इसकी जानकारी मिली है कि पंचायत भवन काफी पुराना है जिससे वह जर्जर हो गया है, सुशासन तिहार में भी इसकी मांग ग्रामीणों द्वारा की गई है इस भवन की स्वीकृति हेतु प्रस्ताव बनाकर शासन प्रशासन को भेजा गया है।