राजकुमार सिंह ठाकुर
पंडरिया । ब्लाक सहित पूरे जिले में सोमवार से तिमाही परीक्षा शुरू हो रही है।लेकिन प्रश्न पेपर नहीं दिया जा रहा है।विभाग द्वारा पीडीएफ में प्रश्न भेजा गया है।जिसे ब्लेक बोर्ड पर लिखवाने को कहा जा रहा है।जिसमे परीक्षा के स्वरूप को समझने व बनाने में काफी परेशानी होगी।ब्लेक बोर्ड में प्रश्न लिखवाने से कई प्रश्नों के उत्तर को बनाना बच्चों के द्वारा संभव ही नहीं है।हर विषय मे चित्र दिया गया है,जिसे पहचानकर उसके संबंध में वर्णन करने कहा गया है।सामाजिक विज्ञान में महापुरुषों सहित अनेक चित्र दिए गए हैं।इन चित्रों को ब्लैक बोर्ड में शिक्षक द्वारा बनाना सम्भव नहीं है।ऐसी स्थिति में प्रश्न छूट जाएंगे या गलत उत्त्तर मिलेंगे।इसी प्रकार कई प्रश्न पत्रों में विश्व का नक्शा दिया गया है,जिसे बनाने में ही घंटों समय लगेगा।
प्रश्नों की संख्या अधिक-तिमाही परीक्षा में प्रश्नों की संख्या अधिक होने के कारण ब्लेक बोर्ड में एक बार मे नहीं होता है।दो बार मे प्रश्नों को लिखना पड़ेगा।जिसमे एक घण्टे से अधिक समय प्रश्न लिखने में ही बीत जाएगा। इसी प्रकार बच्चे उत्तर को अपने कापी के पेज में लिखेंगे जो प्रश्न को व्यवस्थित रूप में नहीं लिख पाएंगे।
परीक्षा पद्यति से दूर होते बच्चे- नये प्रयोगों व ब्लेक बोर्ड में परीक्षा लेने से बच्चे परीक्षा पद्यति से दूर हो रहे हैं।शिक्षा विद डीआर साहू ने बताया कि बच्चे को परीक्षा का एहसास नहीं हो पा रहा है।पीछले कुछ वर्षों से बिना प्रश्न पेपर के परीक्षा होने से बच्चों को परीक्षा पद्यति का ज्ञान नहीं हो रहा है।जो आगे की कक्षा में बच्चो के लिए परेशानी का कारण बनता है। बच्चो को हर परीक्षा में प्रश्न पत्र दिया जाना चाहिए तथा स्थानीय परीक्षा में प्रश्न रायपुर से न भेजकर स्थानीय स्तर पर तैयार करवाना चाहिए।जिससे बच्चों व शिक्षकों के पढ़ाई व परीक्षा में सामंजस्य बना रहे।वर्तमान में पढ़ाई अलग होती है,परीक्षा में दूसरे प्रश्न आते हैं।परीक्षा केवल एक मजाक जैसा हो गया है।
एक शिक्षकीय वाले विद्यलय अधिक प्रभावित-ब्लाक सहित जिले के वनांचल व ग्रामीण क्षेत्र अधिकतर विद्यलयों एक शिक्षकों के भरोसे संचालित हैं।जिसने एक ही समय में पांच कक्षाओं में परीक्षा लेनी है।प्रश्नों की संख्या अधिक व चित्र युक्त प्रश्न होने के कारण ब्लेक बोर्ड में लिखवाना संभव नहीं है।ऐसे स्कूलों में एक दिन में एक या दो कक्षाओं में ही परीक्षा संभव है।
“उच्च कार्यालय के निर्देशानुसार प्रश्नों को ब्लेक बोर्ड में लिखकर परीक्षा लेना है,जिसके लिए प्रश्न जारी कर दिया गया है।चित्र वाले प्रश्नों की छायाप्रति कर बच्चों को दिखाया जाना है।”
जीपी बनर्जी,बीईओ पंडरिया।