प्रति वर्ष घट रही बारिश,भूजल के लिए संकट की आशंका…..बड़ी परियोजना की जरूरत


पंडरिया। पंडरिया तहसील अन्तर्गत साल दर साल बरसात का प्रतिशत लगातार घटते जा रहा है,जिससे आने वाले समय मे पानी की कमी का सामना करना पड़ सकता है।इसे शासन सहित आम लोगों को जल संरक्षण के लिए समय रहते जुट जाना चाहिए।लोगों को जहां जल संरक्षण का प्रयास करना चाहिए वहीं शासन को बड़ी परियोजना बनाने पर विचार करना चाहिए।

पंडरिया तहसील में बीते दस वर्षों में 2024 में सबसे कम बरसात हुई है।प्रतिवर्ष बारिश का प्रतिशत नीचे गिरते जा रहा है।वर्ष 2015 में पंडरिया तहसील में 1353.2मिमी बारिश दर्ज की गई थी,जो 2024 में घटकर 377.8 मिमी रह गई है।केवल बीते वर्ष 2023 में करीब 1295.5 मिमी वर्षा हुई थी।शेष वर्षो में बारिश करीब 1000 मिमी घट गया है।यही स्थिति रही तो क्षेत्र में जल संकट की विकराल समस्या सामने आ सकती है।क्षेत्र की नदियां भी बीते 7 -8 वर्षों से सुख रही है।इससे शासन को सिख लेकर तैयारी करने की जरूरत है।


बड़ी परियोजना की जरूरत-निरंतर बारिश कम होने की स्थिति को देखते हुए शासन को क्षेत्र में बड़ी परियोजना स्थापित करनी चाहिए,जिससे क्षेत्र में सिंचाई सुविधा बढ़ सके।साथ ही भूजल स्तर को बढ़ाया जा सके।इसके अलावा भूजल के उपयोग को भी कम करना होगा।अन्यथा जल्द ही लोगों को पेयजल के लिए भूजल मिलने में भारी परेशानी होगी।वर्तमान में ब्लाक के महली,बघर्रा,नानापुरी, नवागांव,कोड़ापुरी,पौनी,तिलईभाट, पेंड्री,महका,डबरी सहित अनेक गांव ड्राई हैं,जहां गर्मी में हैंड पम्प सुख जाते हैं।

पंडरिया ब्लाक रेड जोन में शामिल है।
वर्षवार बरसात का विवरण-
2015-1353.2 मिमी
2016-896.0मिमी
2017-887.0मिमी
2018-827.0मिमी
2019-758.0मिमी
2020-612.0मिमी
2021-795.0मिमी
2022-962.0मिमी
2023-1295.5मिमी
2024-377.8मिमी