बठेना में बेतरतीब मुरूम खनन, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब, जनहित याचिका का सुनवाई

पाटन। परिवहन करने के साथ ही ट्रांसपोर्टर ठेकेदार द्वारा हद से ज्यादा अवैधानिक मुरूम खनन कर बाजार में बेचे जाने के मामले में जनहित याचिका दायर की गई थी । इस मामले में शुक्रवार को सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने प्रतिवादी ठेकेदार और सरपंच को जवाब देने एक सप्ताह का समय दिया है। जनहित याचिका के मुताबिक दुर्ग जिले में ब्लाक पाटन के ग्राम बठेना में पांच तालाबों का सौंदर्याकरण व गहरीकरण किया गया।

इसमें करीब 8 हजार क्यूबिक मीटर मुरुम निकाली गई। इसके परिवहन का ठेका अभिषेक सिंह को दिया गया। इसे सिर्फ रायल्टी चुकाने के बाद एक लाख टन मुरूम का परिवहन करना था,लेकिन उसने बड़ी मात्रा में मुरूम को बाहर ले जाकर बेचना शुरू कर दिया। स्थानीय निवासी कृष्ण कुमार वर्मा ने एक इंजीनियर के माध्यम से जब नाप करवा कर रिपोर्ट बनवाई तब पता हुआ कि तालाबोंनसे करीब दस लाख टन मुरूम निकाली जा चुकी है। इसकी ग्राम पंचायत में ना कोई एनओसी ही जमा करवाई ना कोई रसीद ही ली गई है।

मुरूम की मात्रा दस लाख टन चली गई जबकि एक लाख टन की ही अनुमति मिली थी। तालाबों को जरूरत से ज्यादा खोदकर पूरा बर्बाद कर दिया गया है। यह ना तो आम लोगो की निस्तारी और ना ही जानवरों के काम का रह गया है। जब प्रशासन से इसकी शिकायत करने पर भी कोई कारवाई नहीं हुई तो कृष्ण कुमार वर्मा ने अधिवक्ता बीपी सिंह के माध्यम से जनहित याचिका लगाई।


किस अधिकार से की गई इतनी खुदाई
चीफ जस्टिस रमेश सिंहा ने प्रशासन की ऐसी लापरवाही पर नाराजगी जाहिर की। जब उन्हें बताया गया कि समूचा गांव ही एक बेहद बड़ा तालाब बन चुका है,तो उन्होंने सरपंच और प्रतिवादी ठेकेदार के वकील से पूछा कि जब अनुमति नहीं थी तो किस अधिकार से मुरूम खोद दी। डीबी ने इस दोनों को एक सप्ताह में विस्तृत जवाब पेश करने का आदेश दिया है।