रावण हमारा मन है, इसे मारना जरूरी है तभी राम राज्य जीवन मे स्थापित होगा– संत श्री निरंजन महाराज जी

संजय साहू अंडा। ग्राम मोहदींपाट बाबा धाम के देवांगन परिवार के तत्वाधान में भागवत महापुराण की कथा के माध्यम से मानव जीवन मे प्रवृति का चिंतन करना है, कथा जीवन की व्यथा को मिटाने की संजीवनी है, इसका श्रवण जीवन को सत्य पथ में आरुढ़ करने हेतु आवश्यक है। विजयादशमी में रावण का पुतला जला देने मात्र से राम राज्य की कल्पना साकार नही हो सकती अपने मन रूपी रावण पर विजय प्राप्त करने से ही सही अर्थ में विजयादशमी का पर्व जीवन मे उपस्थित होगा।
               उक्त संदेश ग्राम मोहदींपाट बाबा धाम के देवांगन परिवार के तत्वाधान में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा में राम चरित्र, श्री कृष्ण जन्म, बाल लीला माखन चोरी लीला की कथा पर आध्यात्मिक विवेचन करते हुए प्रवचनकर्ता छत्तीसगढ़ के यशस्वी सद्गुरु संत श्री निरंजन महाराज जी श्री भागवत आश्रम लिमतरा ने कहा। संत श्री जी ने आगे कहा कलिकाल में राम का नाम ही सहारा है संसार सागर से मुक्ति प्राप्ति के लिए।
              संत श्री जी ने कलिकाल में भ्रूण हत्या रूपी महापाप करने और करवाने वेस्ले दोनो को कंस की संज्ञा देते हुए कहा कि कंस देवकी के 6 पुत्रों का वध जन्मोपरांत किया लेकिन आज के कंस रूपी दानव गर्भ में ही बच्चो को मार रहे है, और इसका मुख्य कारण समाज मे व्यापित कुरुति बेटा और बेटी में अंतर करना है।आज लोगो की मानसिकता बनी हुई है कि बेटा वंश को चलाता है नाम रोशन करता है लेकिन ये लोगो के अंदर की अज्ञानता है क्योंकि बेटा केवल एक ही वंश के नाम को रोशन करता है लेकिन बेटियां तो दो दो कुल को सम्मान दिलाती है ,बेटियों के कंधे पर दो कुलो के सम्मान की रक्षा का भार होता है इसलिए समाज मे फैली इस कुरीतिको मिटाना है और बेटियों को भी बेटो के जितना समान अधिकार देकर इस भ्रूण हत्या के महापाप को रोकना है इसके लिए सभी को एक होकर आगे आना होगा तभी ये पाप भारत की धरा पर मिट सकती है।
                  आगे संत श्री जी ने कहा भगवान की बाल लीला मन को मोहित करने वाली है और हर लीलाओं का पीछे मानव जीवन के लिए सुंदर संदेस दिए है सुने घर मे माखन चोरी करने का अर्थ है कि मानव जीवन मे काम क्रोध लोभ मद मिह मत्सर रूपी दुर्गुणों से रिक्त स्थान पर ही भगवान का वास होता है सद्गुण में परमात्मा का वास दुर्गुण में नही। मन रूपी माखन का भोग लगाएं प्रभु को प्रभु प्रेम पूर्वक उसे ग्रहण करते है। संगीतमय श्रीमद् भागवत महापुराण ज्ञान यज्ञ सप्ताह का आयोजन आज दिनांक 09.01.2024, दिन-मंगलवार वृन्दावन लीला मथुरागमन कंसवध, श्री रुखमणी मंगल कथा वर्णन दिनांक 10.01.2024, दिन-बुधवार श्री सुदामा चरित्र द्वारिका तीला भाव, यदुवंश छ्य परीक्षित मोक्ष पश्चात भगवान श्री विग्रह में तुलसी दल अर्पण, (चढौत्री कार्यक्रम) दिनांक 11.01.2024, दिन-गुरुवार श्री गीतासार प्रवचन हवनपूर्णाहुति कपिलातर्पण, सहस्त्रधारा स्वान होगा। यह जानकारी लखन लाल देवांगन और सरपंच सुशीला देवांगन, जयंत्री देवी देवांगन , गीता देवी देवांगन ,सुरेश-पुष्पा देवांगन, शशीकांत-वंदना देवांगन ,नरेश-दिव्या देवांगन , नूनकरण देवांगन, टीकम देवांगन, कल्पना दीपक देवांगन, इन्द्राणी रानी नारायण देवांगन सहित हजारों की संख्या में ग्रामीण जन इस भागवत कथा में उपस्थित थे।